डीएनए हिंदी : WHO की अगस्त 2021 की एक रिपोर्ट है. इस रिपोर्ट के मुताबिक़ इस वक़्त दुनिया भर में तकरीबन 128 करोड़ लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैं. यह संख्या 1990 की तुलना में दोगुनी है. गौरतलब है कि हाइपरटेंशन उन कुछ बीमारियों में शामिल है जिसका अधिकतर इलाज़ नहीं करवाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ दुनियाभर में इस वक़्त 70 करोड़ से अधिक लोग वैसे हैं जिनके हाइपरटेंशन का इलाज़ नहीं हुआ है. सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि इनमें आधे से अधिक लोगों को यह जानकारी भी नहीं है कि वे हाइपरटेंशन जैसी किसी स्वास्थ्य समस्या से गुज़र रहे हैं.
Hypertension की वजह से हो सकती है दिल की बीमारी के साथ कई और दिक्कतें
एक्सपर्ट्स के अनुसार हाइपरटेंशन की वजह से कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं. यह दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है. साथ ही दिमागी एयर किडनी की समस्याओं की वजह भी बनता है. लांसेट पत्रिका में छपी एक ख़बर के मुताबिक़ यह दुनिया भर में होने वाली मौतों की सबसे बड़ी वजहों में एक है.
इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है. ब्लड प्रेशर इसकी जानकारी के लिए सबसे आसान तरीका है. पता लगने पर इसका इलाज़ आराम से बेहद कम खर्च पर हो सकता है.
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World Hypertension Day की शुरुआत
हर 17 मई को मनाए जाने वाले इस ख़ास दिन की शरुआत इसलिए की गई थी कि लोगों में इसे लेकर जागरूकता फैलाई जा सके. इसे आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है. चूंकि यह अधिकतर लाइफ स्टाइल से जुड़ी हुई बीमारी मानी जाती है, इसके बारे में जानकारी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा हासिल करने में मदद करेगी.
2022 के लिए इस दिन का थीम "Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, Live Longer" रखा गया है. यह थीम रक्त चाप पर लगातार नज़र बनाए रखने की बात बताती है.
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