IVF Day 2023: निसंतान लोगों के लिए वरदान है IVF ट्रीटमेंट, सूनी कोख भरने की है ये तकनीक

Written By Aman Maheshwari | Updated: Jul 25, 2023, 09:11 AM IST

World IVF Day 2023

World IVF Day 2023: लोगों को इस इन विट्रो फर्टिलाइजेशन प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने के लिए वर्ल्ड आईवीएफ डे मनाया जाता है.

डीएनए हिंदीः आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) के जरिए उन महिलाओं को गर्भाधारण में मदद मिलती है जो आसानी से गर्भधारण नहीं कर पाती हैं. इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) को कई लोग टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं. आज 25 जुलाई 2023 को वर्ल्ड आईवीएफ डे (World IVF Day 2023) मनाया जा रहा है. वर्तमान समय में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) प्रक्रिया का बहुत सी महिलाएं लाभ उठा रही हैं. लोगों को इस इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने के लिए वर्ल्ड आईवीएफ डे (World IVF Day 2023) मनाया जाता है. तो चलिए जानते है कि वर्ल्ड आईवीएफ डे (World IVF Day 2023) मनाने की शुरुआत कब हुई थी और इस प्रक्रिया से कैसे लाभ मिलता है.

वर्ल्ड आईवीएफ डे 2023 (World IVF Day 2023)
आईवीएफ का अर्थ इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से होता है इसके तहत महिलाओं को कृत्रिम रूप से गर्भधारण में मदद की जाती है. जिन महिलाओं को मां बनने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है यह प्रक्रिया उनके लिए बहुत ही अच्छी है. इन विट्रो फर्टिलाइजेशन को लोग टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से भी जानते हैं. आज 25 जुलाई 2023 को वर्ल्ड आईवीएफ डे जा रहा है. आज के दिन इस प्रक्रिया से पहले बच्चे का जन्म हुआ था.

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बता दें कि, 10 नवंबर 1977 को लेस्ली ब्राउन नाम की एक महिला ने आईवीएफ प्रक्रिय के जरिए गर्भधारण किया था. उन्होंने 25 जुलाई 1978 को बच्चे को जन्म दिया था. इसी दिन को हर साल वर्ल्ड आईवीएफ डे 2023 के रूप में मनाया जाता है. लोगों को इसके प्रति जागरूक करने और उन डॉक्टरों को धन्यवाद करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है. जो महिलाएं मां बनने की उम्मीद छोड़ चुकी हैं वह भी इस प्रक्रिया के जरिए गर्भधारण कर सकती हैं.

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन प्रोसेस (In Vitro Fertilization Process)
जिन महिलाओं को बच्चा न होने की समस्या होती है उन्हें इन विट्रो फर्टिलाइजेशन प्रोसेस से गर्भधारण कराया जाता है. इस प्रक्रिया में एग और स्पर्म को मां के गर्भ में विकसित होने की वजाय लेबोरेटरी में तैयार किया जाता है. लेबोरेटरी में एग को विकसित करने की प्रक्रिया को ही इन विट्रो फर्टिलाइजेशन कहते हैं. एग के फर्टिलाइजेशन के बाद इसे मां के गर्भाशय में ट्यूब के जरिए प्रतिरोपित कर दिया जाता है.इस तकनीक के जरिए अब गर्भाधारण करना आसान हो गया है. इसका पूरा प्रोसेस नेचुरल तरीके से होता है. जिससे मां एक हेल्दी बच्चे को जन्म देती है.

 

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इन विट्रो फर्टिलाइजेशन में कितना लगता है समय और खर्च
भारत में आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए खर्च 70 हजार से 1 लाख तक हो सकता है. आप अफोर्डेबल आईवीएफ तकनीक से प्रजनन की प्रक्रिया कराते है तो यह 40 हजार तक के खर्च में हो सकता है. बाकि आपके अस्पताल के अनुसार भी इस प्रक्रिया का खर्च कम या ज्यादा हो सकता है. इस प्रक्रिया को पूरा होने में 2 से 3 सप्ताह तक का समय लगता है. जिसके बाद महिला गर्भधारण कर सकती है. आपकी सेहत और डॉक्टर्स के परामर्श के अनुसार इस प्रक्रिया में थोड़ा अधिक समय भी लग सकता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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