डीएनए हिंदी: आज विश्व किडनी दिवस हैं. किडनी यानी गुर्दे, जो कि इंसानों के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है. यदि किसी भी किडनी खराब हो जाए तो तो लोगों का जीना लगभग नामुमकिन हो जाता है. किडनी का ट्रांसप्लांट भी होता है लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी जटिल होती है. किडनी के मरीजों का जीवन काफी असहज हो जाता है. किडनी के मरीजों को अनेकों तरह के परहेज भी करने पड़ते हैं.
किडनी के मरीजों के मन में खाने पीने और अपनी डाइट को लेकर कई तरह के मिथ्स भी होते हैं. किडनी के मरीज इसके चलते कई जरूरी पोषक तत्वों से भी वंचित रह जाते हैं लेकिन आखिर यह मिथ्स क्या है और उनको लेकर डॉक्टरों का क्या कहना है चलिए समझते हैं.
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प्रोटीन को लेकर संशय
किडनी की बीमारी के मरीजों को प्रोटीन खाना बंद कर देना चाहिए, दाल खाना बंद कर देना चाहिए, दूध पीना बंद कर देना चाहिए, मांसाहारी भोजन, अंडे आदि खाना बंद कर देना चाहिए. जबकि ऐसा नही है. डॉक्टरों को कहना है कि लोगों को सही प्रकार से प्रोटीन का सेवन करना चाहिए. हालांकि इसकी ज्यादा मात्रा आपके लिए घातक भी हो सकती है.
नमक का दूसरा विकल्प
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि गुर्दे की बीमारी वाले लोग कम सोडियम वाले नमक या नमक के विकल्प (सेंधा नमक, सेंधा नमक, गुलाबी नमक आदि) खाना चाहिए. उन्हें उनके डॉक्टर / आहार विशेषज्ञ द्वारा कम सोडियम आहार निर्धारित किया जाता है. इसका असल तथ्य यह है कि नमक के विकल्प (कम सोडियम लवण) पोटेशियम में बहुत अधिक हो सकते हैं, सेंधा नमक जैसे कम सोडियम नमक का उपयोग करने से बचें क्योंकि यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है.
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फलों का सही इस्तेमाल
फलों को लेकर भी लोगों में मिथ होता है कि फल सेहत के लिए अच्छे ही होते हैं लेकिन फल पोटेशियम का एक समृद्ध स्रोत हैं और गुर्दे की बीमारी वाले रोगी को कम पोटेशियम वाला आहार लेने की सलाह दी जा सकती है. ऐसे में जो किडनी के मरीज होते हैं, उन्हें जरूरत से ज्यादा फल नहीं खाने चाहिए. उन्हें अपने डॉक्टर से राय लेकर ही फलों का सेवन करना चाहिए.
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लिक्विड का सही इस्तेमाल
जब भी डॉक्टर आपको तरल पदार्थ सीमित करने की सलाह देता है, तो इसका मतलब केवल पानी का सेवन सीमित करना नहीं होता है. ऐसे में आपको भोजन में भी लिक्विड का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए. ज्यादा लिक्विड से किडनी पर दबाव पड़ता है, जो कि इलाज में बाधा बन सकता है.
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