पार्किंसंस (Parkinson's Disease) दिमाग से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी ही नहीं है. इतना ही नहीं, आज भी अधिकांश लोगों को इस बीमारी का नाम तक नहीं पता है. ऐसे में हर साल 11 अप्रैल को दुनिया भर में लोगों के बीच इस बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए वर्ल्ड पार्किंसंस डे (World Parkinson's Day 2024) मनाया जाता है.
यह एक ऐसी गंभीर बीमारी है जो मांसपेशियों के कंट्रोल, बैलेंस और एक्टिविटी को प्रभावित करता है. ऐसे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बता रहे हैं क्या है पार्किंसंस बीमारी और इसके लक्षण क्या हैं?
क्या है पार्किंसंस रोग
पार्किंसंस दिमाग से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें में शरीर में डोपामाइन सीक्रेट करने वाली कोशिकाएं या न्यूरॉन्स धीरे-धीरे अपने आप मरने लगते हैं. इस स्थिति में शरीर कई बार बेकाबू और आपे से बाहर हो जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे शुरू होकर गंभीर रूप ले सकते हैं. आम तौर पर यह बीमारी 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों में देखी जाती है.
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हेल्थ एक्सपर्ट्स के बताते हैं कि इस बीमारी को होने के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें आनुवांशिक कारण, शरीर में डोपामाइन की कमी, एनवायरमेंटल इंपैक्ट, बढ़ते उम्र के साथ बैलेंस डाइट नहीं लेना आदि मुख्य हैं. पार्किंसंस स्थायी और आजीवन रहने वाली बीमारी है और इसे जड़ से नहीं खत्म किया जा सकता है. हालांकि इसके लक्षणों को कुछ उपायों और खानपान पर ध्यान देकर कंट्रोल में रखा जा सकता है..
क्या हैं इसके लक्षण
- मांसपेशियों का लगातार कंपन
- शरीर के अंगों को हिलाने में कठोरता के साथ कंपन होना
- असंतुलित शारीरिक स्थिति
- आंखों का कम झपकना
- ऐंठन की समस्या
- मुंह से लार टपकना
- निगलने में परेशानी होना
- असामान्य रूप से आवाज का धीमा होना
- आंशिक या पूर्ण रूप से शरीर में जकड़न
- लिखना, खाना खाना और चलने में दिक्कत
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कैसे करें इससे बचाव
पार्किंसंस डिजीज का अभी तक कोई इलाज नहीं है. हालांकि इसके इलाज को लेकर वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं. ऐसे में दवा, फिजियोथेरेपी और चाल और संतुलन के लिए व्यायाम का उपयोग करके इस बीमारी के लक्षणों को कम किया जाता है. इसके अलावा मरीज की वॉल्यूम और फ्लूएंसी को बढ़ाने के लिए स्पीच थेरेपी का सहारा लिया जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डाइट में कुछ बदलाव लाकर भी इस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है.
इनमें एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, फिश ऑयल, विटामिन बी1, सी, डी से भरपूर चीजें शामिल हैं. इनके अलावा आप अपनी डाइट में तंत्रिका सूजन को कम करने, न्यूरोट्रांसमिशन को बढ़ाने और न्यूरोडीजेनरेशन को रोकने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड भी शामिल कर सकते हैं.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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