डीएनए हिंदी: शरीर में प्यूरिन की मात्रा अधिक होने पर यूरिक एसिड का बनता है. इस अपशिष्ट पदार्थ से गुर्दे में पथरी बन जाती है. वहीं यह जोड़ों में जमा होकर गठिया जैसी समस्या खड़ी कर देता है. यूरिक एसिड के शरीर में बढ़ने से किडनी कमजोर पड़ जाती है और यह फिल्टर करना बंद कर देती है. ऐसी स्थिती में आप दवाई ही नहीं योगा से भी इस समस्या को सही कर सकते हैं. नियमित रूप से इन 4 योगासन को करने पर किडनी यूरिक एसिड को पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देती है.
मात्र 6 माह योगासन करने पर हो कम हो जाएगा यूरिक एसिड
प्यूरिन की मात्रा बढ़ने पर यह यूरिक एसिड का रूप ले लेता है. खून में मौजूद यूरिक एसिड को शरीर किडनी की तरफ भेजा है. यहां किडनी यूरिन के रास्ते इसे बाहर कर देती है. कई बार यूरिक एसिड की अधिकता से किडनी इफेक्ट होती है और यह अपना काम पूर्ण रूप से नहीं कर पाती. इस स्थिती को 4 योगासन मात्र 6 माह में किडनी को मजबूत कर देते हैं. यह यूरिक एसिड को बाहर निकालने में सक्षम हो जाती है.
भुजंगासन करने का तरीका
भुजंगासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं. अब पैरों को कूल्हों के बराबर खोल दें.
अब पैरों को उंगलियों की पीछे की तरफ फैलाकर जमीन पर टिकाएं.
हथेलियों को छाती के किनारों पर टिकाएं
दोनों हथेलियों को छाती के किनारों पर टिकाएं
अब गर्दन को सीधा रखते हुए धीरे धीरे पेट से शरीर को उठाएं.
अब कुछ देर इसी मुद्रा में सांस लें.
किडनी को बहुत फायदा देता है उत्तानासन
उत्तानासन के लिए सबसे पहले ताड़ासन मुद्रा में खड़े हो जाएं.
घुटनों को थोड़ा सा मोड़कर कूल्हों को शरीर को नीचे झुकाएं.
अब दोनों हाथों को तलवों के दोनों तरफ जमीन पर टिकाने की कोशिश करें.
अब धीर धीरे घुटनों को सीधा करने की कोशिश करें और जांघों को ऊपर उठाने की कोशिश करें.
अब कुछ देर इसी मुद्रा में सांस लेते रहें.
पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका
अपने पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं.
अब कमर को सीधी करके बैठ जाएं और धीरे धीरे सांस भरें.
अब सांस छोड़ते हुए कूल्हों को आगे की तरफ झुकें.
कमर को झुकाने की जगह सीधा रखें.
सिर को घुटनों से लगाएं और हाथों से तलवों को पकड़ने की कोशिश करें.
अब इसी मुद्रा में कुछ देर सांस लें.
जानु शीर्षासन करने का तरीका
कमर को सीधा करके पैर आगे फैलाकर बैठ जाएं.
अब दाएं घुटने को मोड़ते हुए तलवों को बाएं जांघ के अंदरुनी हिस्सों पर रखें.
अब सांस लें और रीढ़ की हड्डी को सीधा कर लें.
फिर से सांस छोड़ते हुए सिर को घुटने की तरफ लाएं और हाथों से बायां तलवा पकड़ें.
कुछ देरी इसी मुद्रा से सांस लें और फिर दूसरे पैर से इसी तरह करें.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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