Youngest Pancreatic Donor In India: अंगदान को महादान माना जात है, अंगदान करने वाला व्यक्ति मरकर भी दूसरे व्यक्ति को जीवन देकर जाता है. हालांकि अभी भी लोगों के बीच अंगदान (Organ Donation) को लेकर जागरूकता की कमी है. लेकिन, लोगों को इस दिशा में आगे आने की जरूरत है. कुछ लोग जीवत रहते हुए अंगदान कर देते हैं, तो कुछ लोग मरने के बाद अंगदान कर व्यक्ति की जान बचाकर लोगों के दिलों में खास जगह बना लेते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है चंडीगढ़ से जहां एक छोटे से बच्चे ने अंगदान कर दिवाली से पहले चार लोगों के जीवन में रोशनी भर दी है, जिसकी सराहना हर तरफ हो रही है...
बच्चे ने दी 4 लोगों को नई जिंदगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चंडीगढ़ (Chandigarh) के PGIMER अस्पताल में एक 2 साल का मरहूम बच्चा 'प्रॉस्पर' (Prosper), जिसका असली नाम लुंडा कायुम्बा (Lunda Kayumba) है, देश में सबसे कम उम्र का पैंक्रियाटिक डोनर (Pancreatic Donor) बन चुका है. बता दें कि बच्चे के परिवार वालों के इस फैसले की वजह से किडनी फेलियर के 2 मरीजों को नई जिंदगी मिल गई, जहां एक रोगी को एक साथ पैंक्रियास और किडनी का प्रत्यारोपण किया गया, इसके अलावा दूसरे मरीज में किडनी ट्रांसप्लांट किया गया है. इतना ही नहीं इससे 2 और लोगों को 'आंखों की रोशनी' का तोहफा भी मिला.
हादसे में बच्चे की हुई थी मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 17 अक्टूबर को बच्चा एक हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल लाया गया, लेकिन 26 अक्टूबर को बच्चे को ब्रेन-डेड डिक्लेयर कर दिया गया. लेकिन इस गहरे दुख के बावजूद बच्चे के परिवार ने उसके ऑर्गन को डोनेट करने का फैसला लिया था. एक्सपर्ट्स ने कहा ये मामला अंगदान की अहमियत को उजागर करता है और बच्चे के परिवार का ये फैसला हमें दयालुता और सेवा की एक अनोखी मिसाल देता है, जो निराशा के क्षणों में भी कईयों को जिंदगी का तोहफा दे सकता है.
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जान लें अंगदान से जुड़ी ये खास बातें
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अंगदान के लिए कोई आयु सीमा नहीं है, 50, 60, 70 और उससे ज़्यादा उम्र के लोग भी अपना अंगदान कर सकते हैं और अंगदान जीवन के दौरान और मृत्यु के बाद भी किया जा सकता है. हालांकि जीवित रहते हुए डोनर अपनी किडनी का एक हिस्सा, लिवर का एक हिस्सा, या फेफड़े का एक हिस्सा दान कर सकता है. इसके अलावा मृत्यु के बाद, हृदय, फेफड़े, पैनक्रियाज़, और कॉर्निया जैसे कई अंग दान किए जा सकते हैं.
बताते चलें कि मृत्यु के बाद हृदय संबंधीमहत्वपूर्ण अंग जल्दी ही प्रत्यारोपण के लिए अनुपयोगी हो जाते हैं और मृत्यु के बाद त्वचा दान करने के लिए, मृत्यु के समय से 6 घंटे के अंदर का समय ठीक माना जाता है, वहीं कॉर्निया दान या नेत्रदान सबसे आम ऊतक दान है. साथ ही हड्डियों का इस्तेमाल उन लोगों की हड्डियों को बदलने के लिए किया जाता है, जिनकी हड्डियां कैंसरग्रस्त हैं और त्वचा का इस्तेमाल जलने के शिकार लोगों, एसिड अटैक के शिकार लोगों, या स्तन उच्छेदन के बाद स्तन पुनर्निर्माण के लिए किया जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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