डीएनए हिंदीः जीका वायरस एडीज एजिप्टी मच्छर के माध्यम से फैलता है, जो डेंगू, चिकनगुनिया, पीला बुखार और वेस्ट नाइल वायरस जैसी बीमारियों को फैलाने के लिए भी जिम्मेदार है. जीका वायरस का संक्रमण एडीज मच्छर (Aedes mosquito) के काटने से होता है. डेंगू (Dengue) की तरह इसके मच्छर भी दिन में काटते हैं.
नगर निगम (बीएमसी) ने मुंबई के चेंबूर में जीका वायरस के पहले मामले की पुष्टि की है और 79 वर्षीय व्यक्ति में इसके लक्षण दिखे हैं. विशेष रूप से इस बीमारी का गंभीर संक्रमण बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, मधुमेह और कैंसर रोगियों केसाथ बच्चों में दिखता है. यदि उपचार न किया जाए या संक्रमण बना रहे, तो जीका वायरस अंगों की शिथिलता और तंत्रिका संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है. दौरे, मानसिक स्थिति में बदलाव, एन्सेफलाइटिस और तंत्रिका संबंधी जैसी समस्याएं इससे होने लगती हैं.
जीका वायरस के संक्रमण के लक्षण
जीका वायरस प्रभावित व्यक्ति में हल्का बुखार, शरीर पर चकत्ता निकलना, आंखा आना, जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द होना, सिरदर्द और बेचैनी आदि के लक्षण दिखाई पड़ते हैं. शरीर में जीका वायरस के प्रवेश करने के तीन से 14 दिन के भीतर जीका वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखने लगते हैं. ये लक्षण तीन से सात दिनों तक दिखाई देते हैं. अगर किसी व्यक्ति को बुखार को लगातार बुखार आ रहा हो और दवाएं खाने के बाद ना उतरे और इसके साथ ही डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व टायफाइड की जांच में पुष्टि न हो तो उसकी जीका वायरस जांच संबंधी जांच करानी चाहिए. प्रभावित व्यक्ति विदेश यात्रा अथवा जीका प्रभावित क्षेत्र से लौटा हो तो उसकी जीका वायरस की जांच करानी चाहिए.
कैसे बचे इस बीमारी से
जीका वायरस से बचाने के लिए मच्छरों के काटने से बचना जरूरी है. इसे कीट प्रतिरोधी का उपयोग करके, लंबी बाजू के कपड़े पहनकर और मच्छरदानी का उपयोग करके प्राप्त किया जा सकता है, खासकर दिन के दौरान जब एडीज मच्छर सबसे अधिक सक्रिय होते हैं. रुके हुए पानी को ख़त्म करना जरूरी है क्योंकि यहीं ये मच्छर पनपते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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