डीएनए हिंदी : आज लोकसभा में केंद्र सरकार ने जानकारी दी, यह अनुसूचित जाति के छात्रों और छात्राओं को दो तरह की स्कॉलरशिप देती है ताकि उनका एकेडमिक करियर बेहतर हो सके. यह जानकारी केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी(A Narayanaswamy) ने आज लोकसभा सत्र के दौरान दी. सरकार के अनुसार दोनों ही छात्रवृत्तियां अलग-अलग उम्र वर्ग में दी जाती है. पहली छात्रवृत्ति नवीं-दसवीं में दी जाती है जबकि दूसरी मैट्रिक के बाद दी जाती है .
क्या-क्या मिलता है इस स्कॉलरशिप में
केंद्र सरकार(Central Government) के द्वारा दी जाने वाली इस छात्रवृत्ति में उन अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स को मदद दी जाती है जिनके घरों की वार्षिक आमदनी ढाई लाख रूपये से कम है. यह स्कॉलरशिप PMS-SC स्कीम के तहत दी जाती है. इसके दो प्रकार हैं. पहली प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को नवीं और दसवीं कक्षा में तय भत्ता दिया जाता है ताक़ि उनकी पढ़ाई में किसी तरह की रुकावट ना आए.
दूसरी तरह की स्कॉलरशिप पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप है. इसमें विद्यार्थियों की उन ज़रूरी ट्यूशन फ़ीस का भुगतान सरकार के द्वारा किया जाता है जिसे रिफंड नहीं किया जा सकता है. यह छात्रवृत्ति मैट्रिक के बाद यानी ग्यारहवीं में दी जाती है.