डीएनए हिंदी : रविवार को गुड़गांव में अभिभावकों के एक समूह ने हरियाणा(Haryana) सरकार के एक फैसले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. दरअसल हरियाणा सरकार ने पांचवीं और आठवीं क्लास के बच्चों के बोर्ड इम्तिहान लेने सम्बन्धी एक प्रस्ताव रखा है. प्रस्ताव के मुताबिक़ इस परीक्षा को अप्रैल 2022 से ही लिया जाना है.
इस विरोध में सीबीएसई , सीआईएससीई, और आईबी बोर्ड के 12 स्कूल में पढ़ रहे छात्रों के अभिभावक शामिल हुए. यह प्रतिरोध गुरुग्राम के लीज़र वैली में दर्ज किया गया था.
650 दिन से बंद हैं स्कूल
अभिभावकों का कहना था कि स्कूल बंद होने के 650 दिन के बाद बच्चों के लिए इस परीक्षा में बैठना बेहद मुश्किल होगा. बच्चे अभी भी सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में जो उतार-चढ़ाव हुए हैं, उसी से निबटने में लगे हुए हैं. अभिभावकों का कहना है कि नयी बोर्ड परीक्षा बच्चों पर अतिरिक्त दवाब डालेगी.
उन्होंने इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित किया कि बच्चे अभी उनके फाइनल टर्म की परीक्षा की तैयारियों में लगे हुए हैं. काफ़ी बच्चों के पास डिजिटल डिवाइस भी नहीं थे जिस वजह से वे क्लास अटेंड नहीं कर पाए. साथ ही साथ हाइब्रिड टीचिंग से भी उनका राबता कम रहा है. बहुत सारे स्कूल के बच्चे सिलेबस से भी अवगत नहीं हैं.
कोर्ट में है मामला फ़िलहाल
अभिभावकों ने हरियाणा(Haryana) शिक्षा विभाग और मुख्य मंत्री के सम्मुख अपनी बातों को रखा है. इस वक़्त मामले को कोर्ट में ले जाया गया है जिसमें हरियाणा यूनाइटेड स्कूल और हरियाणा सरकार क्रमशः वादी और प्रतिवादी हैं. इसकी सुनवाई सोमवार को होनी तय हुई है.