बाजार से गायब हो रहे 10, 20 और 50 के नोट, कांग्रेस के किस नेता ने वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी लिखकर जताई चिंता

Written By मीना प्रजापति | Updated: Sep 22, 2024, 08:46 AM IST

कांग्रेस के नेता मणिकम टैगोर ने बाजार से 10, 20 और 50 के नोटों की घटती संख्या पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि आरबीआई इन नोटों को छाप ही नहीं रहा है.

बाजार से छोटे नोट यानी 10, 20 और 50 रुपये के नोट की खबरें अब सामने आ रही हैं. इसी पर चिंता जताते हुए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र लिखकर छोटे नोटों की कम होती संख्या पर चिंता जताई है.  सांसद का आरोप है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इन नोटों की छपाई बंद कर दी है. इस वजह से गांवों और शहरी इलाकों में रहने वाली गरीब आबादी को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोकसभा में कांग्रेस के विप मणिकम टैगोर ने वित्त मंत्री से छोटे मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों की कमी को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की. 

आरबीआई ने छोटे नोट छापना बंद किया - नेता का आरोप
बीते शनिवार को टैगोर ने अपने पत्र में लिखा कि रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए नोट छापने ही बंद कर दिए हैं. हालांकि, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना समझ आता है लेकिन जिन जगहों पर डिजिटल पेमेंट नहीं की जा सकती है, जिनके पास इसकी पहुंच नहीं है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में वाहं लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 

छोटे कारोबारियों को हो रही दिक्कतें
टैगोर ने पत्र में लिखा कि छोटे नोट कम होने की वजह से छोटे कारोबार भी प्रभावित हो रहे हैं. दिहाड़ी, मजदूरों, रेहड़ी पटरी वाले कैश पर ही निर्भर हैं.  सांसद ने वित्त मंत्री से कहा कि आरबीआई को छोटे नोटों की छपाई शुरू करने के निर्देश दिए जाएं. इसके अलावा गांवो में डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दिया जाए. 


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छोटे नोटों की कम छपाई
न्यूज 18 पर छपी खबर के मुताबिक, गौरतलब है कि वित्‍त वर्ष 2023-24 में मौजूद कुल करेंसी में 500 रुपये के वेल्यू वाले नोट की हिस्सेदारी मार्च, 2024 तक 86.5 थी. 31 मार्च, 2024 तक मात्रा के हिसाब से 500 रुपये के सर्वाधिक 5.16 लाख नोट मौजूद थे, जबकि 10 रुपये के नोट 2.49 लाख संख्या के साथ दूसरे स्थान पर रहे. हालांकि, छोटे नोटों की कमी की शिकायतें अक्‍सर आती ही रहती हैं. 

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