डीएनए हिंदी: देश में नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से की गई नोटबंदी (Demonetisation) के 6 साल हो चुके हैं. उसी समय देश में 2,000 के नोट लाए गए थे. अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के ही सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi BJP) ने इन नोटों को बंद कर देने की मांग उठाई है. इन नोटों को बंद करने के पीछे सुशील मोदी का तर्क है कि काले धन (Black Money) के रूप में इन पैसों को जमा कर लिया गया है. उनका यह भी कहना है कि इन नोटों का इस्तेमाल गलत धंधों में किया जा रहा है इसलिए भारत सरकार को 2,000 के नोट बंद करने के बारे में सोचना चाहिए.
सुशील मोदी ने 2,000 के नोटों के बारे में कहा, 'आरबीआई ने तीन साल पहले ही 2,000 के नोट छापने बंद कर दिए हैं. ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि लोगों ने 2,000 के नोट जमा करके रख लिए हैं. इन पैसों का इस्तेमाल टेटर फंडिंग, ड्रग्स की तस्करी और काले धन के रूप में किया जा रहा है.' उन्होंने यह भी मांग की है कि इन नोटों को बदलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.
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'बड़े देशों में नहीं हैं 100 से ज़्यादा बड़े नोट'
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आगे कहा, 'अगर हम बड़ी और विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों जैसे कि अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान को देखें तो उनके पास 100 रुपये से ज्यादा बड़े नोट ही नहीं हैं. ऐसे में मेरी राय है कि केंद्र सरकार को 2,000 रुपये के नोट बंद करने के बारे में सोचना चाहिए. इसके लिए चरणबद्ध प्रक्रिया चलाई जानी चाहिए जिससे लोगों के पास इन नोटों को छोटे नोटों में बदलवाने का समय रहे.'
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आपको बता दें कि नवंबर 2016 में केंद्र की मोदी सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को बंद कर दिया था. 500 रुपये के नए नोट लाए गए और 1,000 रुपये के नोटों का चलन बंद कर दिया गया. उनकी जगह पर 2,000 रुपये के नोट लाए गए. हालांकि, कुछ ही सालों में आरबीआई ने इन नोटों को छपाई बंद कर दी. अभी भी 2,000 रुपये के नोट बहुत कम ही दिखाई देते हैं.
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