डीएनए हिंदी: भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद की मंजूरी के बाद भारत सरकार ने राफेल लड़ाकू जेट के 26 मरीन (Rafale-M) को खरीदने के लिए फ्रांस को पत्र लिखा है. जुलाई में रक्षा मंत्रालय ने राफेल के नौसेना संस्करण को खरीदने का फैसला किया था. जिन विमानों को भारत खरीदने जा रहा है उनमें 22 सिंगल-सीटर हैं और चार विमान के ट्विन-सीटर हैं. इन युद्धक विमानों को मुख्य रूप से भारत के स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाना है.
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस सौदे का फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया पेरिस दौरे पर लिया गया. रक्षा सूत्रों ने बताया कि अनुरोध पत्र कुछ दिन पहले फ्रांसीसी सरकार को सौंप दिया गया है. इसमें भारत सरकार ने अपनी सभी आवश्यकताओं और क्षमताओं का उल्लेख किया है, जो वह विमान वाहक पोत आइएनएस विक्रांत और आइएनएस विक्रमादित्य के लिए खरीदे जाने वाले राफेल विमान में देखना चाहती है. इस सौदे पर विमानों की कीमत व अन्य शर्तों पर बातचीत तब शुरू की जाएगी, जब रक्षा मंत्रालय को फ्रांस की सरकार से अपने पत्र का जवाब मिल जाएगा.
फास्ट-ट्रैक मोड में काम रही सरकार
भारतीय नौसेना और भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए फास्ट-ट्रैक मोड में काम कर रही है. ये सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि फ्रांस के साथ राफेल- एम फाइटर जेट के अधिग्रहण अनुबंध पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर किए जाएं. इस सौदे को लेकर अक्तूबर की शुरुआत में दसौ के अध्यक्ष और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने नई दिल्ली का दौरा कर भारत की इस संभावित खरीद के बारे में विचार-विमर्श किया. विमान वाहक पोत पर राफेल को तैनात कर सरकार हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की बढ़त सुनिश्चित करना चाहती है.
जुलाई में विमान सौदे को मिली थी मंजूरी
इस साल जुलाई में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने लगभग 5.5 बिलियन यूरो के विमान सौदे को मंजूरी दे दी थी. प्रस्ताव के मुताबिक, भारतीय नौसेना को चार ट्रेनर विमानों के साथ 22 सिंगल सीटेड राफेल मरीन विमान मिलेंगे. आपको बता दें कि मानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और विक्रांत मिग-29 का संचालन कर रहे हैं. दोनों वाहकों पर परिचालन के लिए राफेल की जरूरत है, जिसके लिए भारत ने फ्रांस को पत्र लिखा है.
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