डीएनए हिंदी: महिलाओं की देश में भागीदारी बढ़ाने को लेकर प्रत्येक क्षेत्र में बढ़-चढ़कर पहल की जा रही हैं और इसके चलते महिलाओं को भी भारतीय सेना (Indian Army) में प्रतिनिधित्व मिला है. वहीं अब पहली बार भारतीय सेना में महिला अधिकारियों कॉलेज स्टाफ के एग्जाम में बैठने की इजाजत मिली है जिसे पास करके 6 महिलाएं चयनित भी हो गई हैं.
इस खबर में सबसे खास बात यह है कि हम जिस एग्जाम की बात कर रहे हैं वह पहले सिर्फ पुरुष अधिकारियों तक ही सीमित था. यह डिफेंस सर्विसेज के स्टाफ कॉलेज का एग्जाम होता है और इस बार इसमें 15 महिलाओं न पहली बार एग्जाम दिया जिनमें से 6 महिला अधिकारियों ने आसानी से इस एग्जाम को पास कर अपने नियुक्ति पत्र हासिल कर लिए हैं जो कि आधी आबादी के लिए बेहद अहम उपलब्धि मानी जा रही है.
G20 Summit में हो रही थी Ukraine War पर चर्चा, तभी रूस का यूक्रेनी राजधानी कीव पर हमला
ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा अभी तक क्यों नहीं हो पाया? इस पर सामने आया है कि सेना में स्टाफ कॉलेज का एग्जाम वही सैनिक दे सकता है जिनकी सात साल की सर्विस हो गई हो और जिसने जूनियर कमांड कोर्स या इसके बराबर का कोर्स किया हो. पहले आर्मी में सिर्फ मेडिकल कोर, लीगल और एजुकेशन कोर में ही महिला अधिकारियों के लिए परमानेंट कमीशन था.
G20 Summit: बाली में पीएम मोदी की डिनर पॉलिटिक्स, जिनपिंग से हाथ मिलाया, बात नहीं की
ऐसे में प्रमोशन के लिए स्टाफ कॉलेज करना कोई अतिरिक्त योग्यता नहीं थी, लेकिन अब सेना में आर्मी एयर डिफेंस, सिगनल्स, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, इलैक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर और इंटेलिजेंस कोर में परमानेंट कमिशन की हकदार हैं जिसके चलते महिलाओं के पास यह अधिकार थे कि वे भी इस एग्जाम में बैठ सकें. अब जब देश की बेटियां बैठीं तो उन्होंने इस एग्जाम में भी भारतीय आधी आबादी की विजय का ध्वज लहरा दिया. ॉ
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.