पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक लोगों के आधार कार्ड (Aadhar Card) निष्क्रिय किए जा रहे हैं. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) ऐसा काम कर रही है. ममता ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
ममता बनर्जी ने कहा, 'लोकसभा से पहले इतने सारे आधार कार्ड क्यों निष्क्रिय कर दिए गए? ज्यादातर मतुआ समुदाय के लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं. अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों के आधार कार्ड भी रद्द किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस कदम से बंगाल के लोग बहुत परेशान हैं. इस तरह आधार कार्ड निष्क्रिय करने की कवायद नियमों के खिलाफ है और प्राकृतिक न्याय का घोर उल्लंघन है.
बंगाल सीएम ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में लिखा, ‘मैं पश्चिम बंगाल में लोगों, विशेषकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदायों के आधार कार्ड को अंधाधुंध तरीके से निष्क्रिय करने की गंभीर प्रकृति की अचानक हुई घटना को आपके ध्यान में लाना चाहती हूं. बिना कारण बताए आधार कार्ड को अचानक निष्क्रिय किए जाने क्या है? क्या यह लाभार्थियों को लाभ से वंचित करना है या लोकसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच घबराहट की स्थिति पैदा करना है?’
UIDAI जारी कर रहा निष्क्रियता पत्र?
ममता बनर्जी ने दावा किया कि नई दिल्ली में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) का मुख्यालय बिना किसी क्षेत्रीय जांच या राज्य को विश्वास में लिए संबंधित व्यक्तियों और परिवार के सदस्यों को सीधे ‘निष्क्रियता पत्र’ जारी कर रहा है. उन्होंने पत्र में कहा कि वर्तमान घटनाक्रम ने राज्य के निवासियों के बीच घबराहट और हंगामे की स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जिला प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं.
ममता बनर्जी ने कहा ने कहा कि बंगाल के कई जिलों में लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय किए जा रहे हैं ताकि चुनाव से पहले लोगों को बैंकों के माध्यम से भंडार लक्ष्मी योजना और मुफ्त राशन का लाभ न मिल सके. उन्होंने कहा कि लेकिन हम योजनाओं के लाभार्थियों को भुगतान करना जारी रखेंगे, भले ही उनके पास आधार कार्ड न हो. एक भी लाभार्थी प्रभावित नहीं होगा. हम इसका दूसरा रास्ता निकालेंगे.
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ममता ने मुख्य सचिव को दिया ये निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुख्य सचिव को मेरा स्पष्ट निर्देश है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग आधार कार्ड न होने पर भी लाभ से वंचित न हों. बंगाल के लोगों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने मुख्य सचिव को एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने का भी निर्देश दिया है, जहां ऐसे लोग अपनी शिकायतें दर्ज कर सकें, जिनके आधार कार्ड निष्क्रिय हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि अगर बैंक आधार कार्ड के बिना ग्राहकों को लेनदेन की अनुमति नहीं देते हैं, तो सहकारी बैंक एक विकल्प हो सकते हैं अपनी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार की गारंटी की मांग को लेकर हरियाणा, पंजाब में किसानों के आंदोलन का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि बंगाल में किसानों को कोई समस्या नहीं है. सीएम ने आरोप लगाया कि पूर्वी बर्धमान जिले के जमालपुर में 50 लोगों और बीरभूम, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के साथ-साथ उत्तर बंगाल में कई अन्य लोगों के आधार कार्ड ‘निष्क्रिय’ कर दिए गए हैं.
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