Chandra Grahan timing 2024 in India : आज साल 2024 का आखिरी चंद्रग्रहण है. यह साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण है. भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन ये चंद्रग्रहण लग रहा है. इस बार का यह चंद्रग्रहण आंशिक ग्रहण होगा. आमतौर पर चंद्रग्रहण तीन तरह के होते हैं. पूर्ण चंद्र ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्रग्रहण. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण की बहुत महत्ता है. इसका कई राशियों पर असर पड़ता है. आंशिक चंद्रग्रहण की शुरुआत (Today Grahan Time) आज यानी बुधवार को सुबह 6 बजकर 12 मिनट से शुरू हो रही है और यह करीब 10 बजकर 17 मिनट तक प्रभावी रहेगा.
नासा के मुताबिक, लोग बुधवार को Full Moon होगा. सोमवार शाम से गुरुवार शाम तक दिन तक चंद्रमा अपनी पूरी रोशनी के साथ दिखेगा. इन दिनों लोग सुपरमून भी देख सकते हैं.
कौन सा ग्रहण कितने बजे लगेगा, यहां जानें
- उपछाया ग्रहण सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर होगा.
- आंशिक ग्रहण की शुरुआत सुबह 7 बजकर 44 मिनट पर होगी.
- अधिकतम ग्रहण सुबह 8 बजकर 14 मिनट पर होगा.
- आंशिक ग्रहण की समाप्ति सुबह 8 बजकर 44 मिनट पर होगी.
- उपछाया ग्रहण की समाप्ति सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर होगी.
क्या भारत में नजर आएगा चंद्रग्रहण?
भारत में चंद्र ग्रहण नजर नहीं आएगा. इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा. ये चंद्रग्रहण यूरोप, एशिया, अफ्रीका, दक्षइणी अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा. आपको बातें ज्योतिश शास्त्र में चंद्रग्रहण एक अशुभ घटना मानी जाती है. इसलिएं हिंदू मान्यताओं में इस दौरान कोई शुभ काम नहीं किया जाता है.
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किन राशियों पर पड़ेगा असर
ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण की गहरी मान्यता है. कोई भी शुभ कार्य चंद्र ग्रहण के दौरान नहीं किया जाता. इस चंद्रग्रहण पर कई राशियों (Chandragrahan horoscope 2024) पर गहर असर पड़ता है. मेष, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि वाले जातकों के लिए ये दिन दिक्कत भरा हो सकता है. तो वहीं, वृषभ, सिंह, धनु और मकर राशि वालों के लिए ये ग्रहण अच्छा साबित हो सकता है. हालांकि, भारत में सूतक काल का असर नहीं होगा क्योंकि चंद्र ग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा, लेकिन फिर भी इन राशियों को ध्यान रखने की जरूरत है. सूतक काल वहीं लगता है जहां चंद्र ग्रहण दिखाई देता है. भारत में भले चंद्र ग्रहण दिखाई न दे लेकिन ज्योतिषियों की सलाह है कि पितृपक्ष का पहला श्राद्ध करने वाले लोगों को ग्रहण काल से बचना चाहिए. उन्हें ग्रहण की शुरुआत से पहले या उसके खत्म होने के बाद ही श्राद्धकर्म करना चाहिए.
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