चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में हुई गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह की ओर से खराब किए गए 8 बैलेट पेपर को वैलिड करार देते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया है.
सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को दोषी माना है. उन्होंने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के 8 मतों पर क्रॉस साइन लगाकर अवैध घोषित दिया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सभी मतों की जांच की और फिर से काउंटिंग कराने का निर्देश दिया.
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कोर्ट ने 8 अमान्य वोटों को वैध मानते हुए काउंटिंग में शामिल करने का निर्देश दिया. जिसमें AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में कुल 20 वोट हो गए और वह विजयी घोषित कर दिए गए.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने वीडियो फुटेज देखा है. जिसे देखने के बाद साफ हो जाता है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने उन 8 बैलेट पेपर पर पैन से निशान बनाए, जो AAP प्रत्याशी कुलदीप कुमार के पक्ष में जाने वाले थे. अधिकारी ने जिन 8 मतपत्रों को खराब माना था, उनपर उन्होंने हस्ताक्षर करने के अलावा अलग से लाइनें खींचकर अवैध बनाया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मतगणना के दौरान पीठासीन अधिकारी ने नियमों के विरुद्ध काम किया. उन्हें निष्पक्ष होना चाहिए था लेकिन उन्होंने जानबूझकर AAP उम्मीदवार के मतपत्र खराब किए. साथ ही उन्होंने कोर्ट में झूठी बयानबाजी की. रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह का आचरण दो वजह से गलत था. पहला कि उन्होंने चुनाव के दौरान गड़बड़ी की और दूसरा कि कोर्ट में झूठ बोला.
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