डीएनए हिंदी: अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर केंद्र सरकार (Delhi Government) के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई है. AAP ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस पर तुंरत संज्ञान लेने की अपील की है. दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया यह अध्यादेश असंवैधानिक है. लिहाजा इसपर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए.
इससे पहले दिन में आम आदमी पार्टी (आप) ने घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 3 जुलाई को मध्य दिल्ली में पार्टी कार्यालय पर केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाएंगे. पार्टी ने 11 जून को अध्यादेश के खिलाफ महारैली का आयोजन किया था. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 19 मई को ‘दानिक्स’ कैडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी किया था.
'केंद्र का अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ'
इस अध्यादेश के जारी किए जाने से महज एक सप्ताह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था. शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे. केजरीवाल सरकार ने इसे अधिकारियों की सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बताया है.
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इन तारीखों में जलाई जाएंगी प्रतियां
AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी. 3 जुलाई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कैबिनेट मंत्री और सभी विधायक आईटीओ स्थित पार्टी कार्यालय पर इस काले अध्यादेश की प्रतियां जलाएंगे. उसके बाद 5 जुलाई को सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी. 6 जुलाई से 13 जुलाई के बीच दिल्ली के हर नुक्कड़ और कोने में अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी. केजरीवाल मंत्रिमंडल में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि सभी सात उपाध्यक्ष ये सुनिश्चि करेंगे कि दिल्ली के हर इलाके में प्रतियां जलाई जाएं. (भाषा इनपुट के साथ)
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