रामलीला मैदान से बोले केजरीवाल- पहली बार ऐसा प्रधानमंत्री आया जो सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 11, 2023, 01:40 PM IST

Arvind Kejriwal

AAP Rally Ramlila Maidan: रविवार को हर कोई उस वक्त हैरान रह गया जब AAP की रैली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल पहुंच गए.

डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर के खिलाफ रविवार को रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली का आयोजन किया. पार्टी इस रैली के बहाने शक्ति प्रदर्शन की कोशिश की. इस रैली का सबसे अहम बिंदु वह रहा जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल भी AAP के मंच पर पहुंच गए. AAP के इस मंच से कपिल सिब्बल ने भी बीजेपी और मोदी सरकार पर जमकर हमले किए. उन्होंने कहा कि बीजेपी हर चीज पर पूरा का पूरा नियंत्रण करना चाहती है. अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर कहा कि पहली बार ऐसा प्रधानमंत्री आया है जो सुप्रीम कोर्ट को ही नहीं मानता.

दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दे को पलटने के लिए केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाई है. इस अध्यादेश की मानें तो अब ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार एक कमेटी के पास है लेकिन अंतिम फैसला उप-राज्यपाल ही करेंगे. ऐसे में AAP इसका विरोध कर रही है. इस अध्यादेश को राज्यसभा में रोकने के लिए AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे नेताओं से मुलाकात भी की थी. हालांकि, कांग्रेस उनका साथ देने को राजी नहीं हुई.

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AAP के मंच पर आए कपिल सिब्बल
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल कांग्रेस के नेता हैं लेकिन वह समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा का चुनाव लड़े थे. AAP के मंच पर पहुंचे  कपिल सिब्बल ने कहा, 'मुझे याद है कि 2014 से पहले अरविंद केजरीवाल हमारा विरोध करते थे और हम सोचते थे कि मीडिया उनके साथ है. समय बदला, सरकार बदली, प्रधानमंत्री बदला और अब मीडिया उनके साथ है. जिस तरह आपने कांग्रेस को 60 साल दिए उसी तरह हमें 60 महीने दीजिए और हम भारत का विकास करेंगे. 120 महीने हो गए लेकिन उन्होंने भारत का नक्शा बदल दिया. उन्होंने सीबीआई ईडी ईसी सहित सभी संस्थानों को बर्बाद कर दिया.'

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अध्यादेश के मुद्दे पर कपिल सिब्बल ने कहा, 'ब्यूरोक्रेट्स को नियंत्रित करने की शक्तियां AAP सरकार से ले लीं गई. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार गलत है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि नौकरशाह दिल्ली कैबिनेट के प्रति जवाबदेह हैं. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार नहीं किया. वे अध्यादेश लाए और सेवाओं के मामलों के लिए समिति का गठन किया. इस समिति में नौकरशाही मुख्यमंत्री से अधिक शक्ति का प्रयोग करेगी. एलजी को अधिकार दिए गए.' 

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