डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को लोशन दिल्ली में मौजूद अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ सकता है. उन्हें सरकारी आवास से बेदखल किए जाने को लेकर अप्रैल में अदालत ने रोक लगाई थी, उसे गुरुवार को हटा लिया गया. दिल्ली कोर्ट ने कहा कि बांग्ला अलॉटमेंट रद्द होने के बाद राघव चड्ढा का उसे बंगले में रहने का कोई औचित्य नहीं है. आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है.
पंजाब से राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को छह जुलाई 2022 को नई दिल्ली के पंडारा रोड पर टाइप-छह का बंगला आवंटित हुआ था. नियम के तहत पहली बार सांसद बनने वाले नेताओं को सरकारी फ्लैट आवंटित किया जाता है. जिसके बाद राज्यसभा सचिवालय ने बंगला खाली कराने के लिए नोटिस दिया था, जिसे राघव चड्ढा ने चुनौती दी. राघव चड्ढा का कहना था कि बतौर सांसद उन्हें एक बार निवास आवंटित हो गया है तो सांसद रहते हुए उसे खाली नहीं करवाया जा सकता.
ये भी पढ़ें: DNA TV Show: बिहार जातिगत जनगणना रिपोर्ट असली है या नकली, जानिए क्यों उठ रहे हैं इस तरह के सवाल
दिल्ली कोर्ट ने दिया ऐसा आदेश
अदालत ने कहा कि राघव चड्ढा को आवंटित एक विशेषाधिकार मात्र है, जो उसे एक संसद के सदस्य के रूप में दिया गया है. विशेषाधिकार वापस लेने और आवंटन रद्द होने के बाद उस पर कब्जा जारी रखने का उसे कोई निहित अधिकार नहीं है. राज्यसभा सचिवालय के वकील ने कहा कि दलील देते हुए कहा था कि राज्यसभा सांसद होने के नाते राघव चड्ढा को टाइप 6 बंगला आवंटित करने का अधिकार है, न कि टाइप 7 बंगला.
ये भी पढ़ें: PM Modi को जान से मारने की धमकी, ईमेल भेजकर मांगे 500 करोड़ रुपये, NIA ने किया बदले में ये काम
आप सांसद राघव चड्ढा ने बीजेपी पर बोला हमला
इस मामले को लेकर आप सांसद राघव चड्ढा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि नियमानुसार मुझे आवंटित किए गए आधिकारिक आवास को बिना किसी सूचना के रद्द किया गया है, जो मनमाने रवैये को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के 70 से अधिक वर्षों के इतिहास में यह अभूतपूर्व है कि एक मौजूदा राज्यसभा सदस्य को उसके विधिवत आवंटित आवास को उससे छीना गया है. जहां वह कुछ समय से रह रहा है और राज्यसभा सदस्य के रूप में उसका कार्यकाल चार साल से अधिक बाकी है. आप सांसद ने कहा कि पूरी कवायद के तरीके से मेरे पास यह मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि यह सब भाजपा के आदेश पर राजनीतिक उद्देश्यों और निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है. इसके साथ उन्होंने सवाल उठाया कि यह इस तथ्य से और उजागर होता है कि मेरे कई पड़ोसी पहली बार सांसद बने हैं, जिनमें सुधांशु त्रिवेदी, दानिश अली, राकेश सिन्हा और रूपा गांगुली जैसे को उनकी पात्रता से ऊपर वहीं आवास आवंटित किया गया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
देश और दुनिया की ख़बर, ख़बर के पीछे का सच, सभी जानकारी लीजिए अपने वॉट्सऐप पर- DNA को फॉलो कीजिए