डीएनए हिंदी: एक तरफ अरविंद केजरीवाल कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलना चाहते हैं. वह दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग के अध्यादेश के मुद्दे पर राज्यसभा में कांग्रेस का साथ चाहते हैं. दूसरी तरफ, उनकी ही पार्टी के नेता और पंजाब के सीएम भगवंत मान कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पर रिश्वत लेने के आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कांग्रेस इस मुद्दे पर केजरीवाल का साथ कैसे देगी? शायद यही वजह है कि दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के नेता AAP का साथ देने के समर्थक नहीं हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) का समर्थन नहीं करेगी. पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाजवा ने कहा, 'हम उनका समर्थन बिल्कुल नहीं करने जा रहे. हमने स्पष्ट कर दिया है कि हमारा आप के साथ कोई संबंध नहीं है.' इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी बाजवा के साथ थे. चन्नी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनके रिश्तेदार ने एक क्रिकेटर से सरकारी नौकरी के लिए पैसे मांगे थे.
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भगवंत मान ने चरणजीत चन्नी पर लगाए आरोप
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने बुधवार को आरोप लगाया कि चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे ने सरकारी नौकरी दिलाने में मदद के लिए क्रिकेटर जस इंदर सिंह से दो करोड़ रुपये मांगे थे. भगवंत मान ने 22 मई को चन्नी के भतीजे जशन पर आरोप लगाए थे लेकिन क्रिकेटर का नाम उजागर नहीं किया था. मुख्यमंत्री के अनुसार, पूर्व रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी जस इंदर सिंह ने विजय मर्चेंट ट्रॉफी और कूच बिहार ट्रॉफी सहित अन्य टूर्नामेंट में भी पंजाब का प्रतिनिधित्व किया.
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भगवंत मान ने कहा कि जस इंदर सिंह ने पंजाब लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी थी और खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी के लिए पात्र थे. मान ने कहा कि उन्होंने खेल श्रेणी की 132.5 अंकों की कट-ऑफ के मुकाबले 198.5 अंक प्राप्त किए थे. मुख्यमंत्री मान ने कहा कि चन्नी के भतीजे ने जस इंदर के पिता से कहा कि उनका काम हो जाएगा लेकिन इसके लिए पैसे देने होंगे. मान ने आरोप लगाया कि जस इंदर सिंह को अगली कैबिनेट बैठक से पहले पैसे की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था.
दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के नेता कर रहे हैं विरोध
अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश के मुद्दे पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के लिए समय मांगा है. इससे पहले राहुल गांधी और खड़गे ने दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की. हालांकि, इन नेताओं ने पार्टी हाई कमान के साथ दो टूक कह दिया कि वे AAP का समर्थन करने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना था कि वैचारिक रूप से दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ हैं, ऐसे में किसी भी हाल में दोनों को साथ नहीं दिखना चाहिए.
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अब सवाल उठ रहे हैं कि एक तरफ केजरीवाल साथ भी मांग रहे हैं, दूसरी तरफ घूसखोरी के आरोप भी लगाए जा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस चाहकर भी आम आदमी पार्टी का इस मुद्दे पर समर्थन कैसे करेगी?
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