डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने आदित्य एल-1 (Aditya L1) को लेकर बड़ी जानकारी दी है. आदित्य एल-1 ने पृथ्वी का पहला चक्कर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. अब वह दूसरे ऑर्बिट में दाखिल हो चुका है. इसरो ने ट्वीट कर बताया कि आदित्य एल-1 5 सितंबर की रात लगभग 2:45 बजे दूसरे ऑर्बिट में प्रवेश कर गया. अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि Aditya अब 10 सितंबर को तीसरे ऑर्बिट में प्रवेश करेगा.
इसरो ने X पर पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि सैटेलाइट अच्छे तरीके से काम कर रहा है. आदित्य एल-1 ने पृथ्वी का पहला चक्कर लगा लिया है. यानी अर्थ बाउंड मैन्यूवर पूरा कर लिया है. वह सफलतापूर्व आगे बढ़ रहा है. आदित्य एल1 पिछली कक्षा से ऊपर पहुंच चुका है.
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Aditya L1 ने दूसरे ऑर्बिट में किया प्रवेश
आदित्य L1 पृथ्वी के चारों ओर चक्कर के बाद सूरज की ओर बढ़ गया है और दूसरे ऑर्बिट में प्रवेश कर लिया है. नया ऑर्बिट 245 किमी x 22459 किमी है. इसे आसान भाषा में समझें तो पृथ्वी का निकटतम बिंदु 245 किमी और अधिकतम दूरी पर स्थित बिंदु 22,459 किमी है. इससे पहले के ऑर्बिट में पृथ्वी का निकटतम बिंदु 235 किलोमीटर और अधिकतम बिंदु 19000 किलोमीटर था.
बता दें कि भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV C 57 रॉकेट की मदद से आदित्य एल-1 को लॉन्च किया था. आदित्य एल-1 सूरज के पास L1 प्वाइंट तक लगभग 4 महीने में पहुंचेगा. इस मिशन के जरिए इसरो का लक्ष्य सूरज पर रिसर्च करना है. इस मिशन के साथ कुल 7 पेलोड भेजे गए हैं, जो अलग-अलग डेटा इकट्ठा करके ISRO को भेजेंगे.
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लैग्रेंज प्वाइंट होता क्या है?
इस मिशन में सबसे ज्यादा चर्चा में L-1 प्वाइंट ही है. बता दें कि धरती और सूरज के बीच कुल पांच प्वाइंट ऐसे हैं जहां सूरज और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है और सेंट्रीफ्यूगल फोर्स बन जाता है. यानी इस जगह पर कोई भी चीज पहुंचती है तो वह दोनों के बीच स्थिर हो जाती है और कम ऊर्जा खर्च होती है. बता दें कि यह प्वाइंट धरती से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है.
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