Afghanistan: 9 साल मुल्ला उमर की कब्र छिपाए रहा Taliban, अब बताया कहां दफन है उसका संस्थापक

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 07, 2022, 08:38 PM IST

Taliabn ने 2015 में स्वीकार किया था कि उसके संस्थापक मुल्ला उमर का 2013 के करीब मौत हो गई थी. इसके बावजूद उमर की कब्र की जानकारी कुछ ही लोगों को थी.

डीएनए हिंदी: अफगानिस्तान में तालिबान ने अपने संस्थापक मुल्ला उमर की कब्र का खुलासा किया है. मुल्ला उमर की मौत के बाद उसकी कब्रगाह की जानकारी लंबे वक्त तक छिपा कर रखी गई थी. उमर के स्वास्थ्य और ठिकाने के बारे में अफवाहें 2001 में अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण द्वारा तालिबान को सत्ता से बाहर कर दिए जाने के बाद फैल गई थीं. तालिबान ने साल अप्रैल 2015 में स्वीकार किया कि दो साल पहले उनकी मृत्यु हो गई थी.

इस मामले में तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने रविवार को एएफपी को बताया कि आंदोलन के वरिष्ठ नेता मुल्ला उमर की कब्रगाह जाबुल प्रांत के सूरी जिले में ओमारजो के पास हैं जहां अंतिम संस्कार के दौरान कुछ खास लोग ही शामिल हुए थे. आपको बता दें कि तालिबान ने पिछले साल अगस्त में सत्ता में वापसी की है.
मुजाहिद ने कहा, "चूंकि बहुत सारे दुश्मन आसपास थे और देश पर कब्जा कर लिया गया था, मकबरे को नुकसान से बचाने के लिए इसे गुप्त रखा गया था."

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मुल्ला उमर की कब्र को लेकर तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि केवल करीबी परिवार के सदस्यों को ही जगह की जानकारी थी और वे सभी लोग ही मुल्ला उमर के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे. इस मामले में अधिकारियों द्वारा जारी की गई तस्वीरों में दिखाया गया है कि तालिबान नेता एक साधारण सफेद ईंट के मकबरे के चारों ओर इकट्ठा हुए थे, जो बजरी से ढका हुआ था और हरे धातु के पिंजरे में बंद था. 

आपको बता दें कि लगभग 55 वर्ष की आयु में मुल्ला उमर की मौत हुई थी. तालिबान का संगठन खड़ा करने में मुल्ला की मुख्य भूमिका थी. मुल्ला मसूद की कब्र को लेकर यह जानकारी तालिबान के अधिकारियों की ओर से जारी उन रिपोर्टों खंडन करने के एक दिन बाद आई है. रिपोर्ट में पंजशीर घाटी के मकबरे को तोड़े जाने का दावा किया गया था. तालिबानी प्रवक्ता मुजाहिद ने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा कि अगर यह सच है तो दोषियों को सजा दी जाएगी. 

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मुजाहिद ने कहा कि मुल्ला उमर का मकबरा एक भव्य ग्रेनाइट और संगमरमर के मकबरे में है. यह पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से तालिबान लड़ाकों की सुरक्षा में है. मुजाहिद ने कहा कि किसी को भी मृतकों का अपमान करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने इस तरह की खबरें फैलाईं हैं उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.

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