डीएनए हिंदीः बीजेपी (BJP) के नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) ने पंचायती राज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. भूपेंद्र चौधरी के इस्तीफे के पीछे पार्टी का 'एक व्यक्ति-एक पद' वाला सिद्धांत कारण बताया जा रहा है. योगी कैबिनेट के 5 और मंत्री जल्द इस्तीफा दे सकते हैं. दरअसल पार्टी में सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है कि 'एक व्यक्ति-एक पद' वाला सिद्धांत एकसमान सभी पर लागू होना चाहिए. योगी कैबिनेट में कई ऐसे चेहरे शामिल हैं जिनके पास संगठन की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.
कौन-कौन दे सकते हैं इस्तीफा
बेबी रानी मौर्य
इस लिस्ट में पहला नाम बेबी रानी मौर्य का है. वह उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह इस्तीफा देकर चुनाव लड़ी थीं. पार्टी में उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. वहीं योगी कैबिनेट में उन्हें महिला एवं बाल-कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
दयाशंकर सिंह
विवादों में रहे दयाशंकर सिंह के पास भी सरकार और संगठन दोनों में पद है. वह बीजेपी संगठन में उपाध्यक्ष हैं. वहीं उनेक पास भाजपा ओबीसी सेल के प्रभारी का भी पद है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने इनकी पत्नी और योगी सरकार में मंत्री रही स्वाति सिंह का टिकट काट कर इन्हें टिकट दिया.
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अरविंद शर्मा
अरविंद शर्मा को संगठन और सरकार दोनों में जगह मिली है. योगी सरकार में उन्हें ऊर्जा मंत्री बनाया गया है. बता दें कि अरविंद शर्मा पूर्व नौकरशाह रहे हैं. उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी का करीबी भी माना जाता है. अरविंद शर्मा राज्य इकाई में उपाध्यक्ष भी हैं. गुजरात कैडर से अधिकारी रहे अरविंद शर्मा मूल रूप से मऊ के रहने वाले हैं. 2021 में उन्हें विधान परिषद भेजा गया था. बाद में उन्हें संगठन में उपाध्यक्ष के रूप में शामिल किया गया.
जेपीएस राठौर
जेपीएस राठौर का नाम भी ऐसे मंत्री की लिस्ट में है जिसके पास संगठन में भी महत्वपूर्ण पद है. राज्य सरकार में सहकारिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद पर हैं. वहीं संगठन में उने पास महासचिव पद की जिम्मेदारी है. योगी 2.0 में पहली बार मंत्री बने राठौर को 2017 में यूपी भाजपा की चुनाव प्रबंधन टीम में प्रमुख पदाधिकारी दी गई.
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नरेंद्र कश्यप
नरेन्द्र कश्यप भी ऐसे नेताओं में शामिल हैं जो संगठन और सरकार दोनों में महत्वपूर्ण पदों पर हैं. पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन अधिकारिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, नरेंद्र कश्यप भी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष हैं. पेशे से वकील नरेंद्र कश्यप ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बसपा से की थी.
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