डीएनए हिंदी: देश में महंगाई के आंकड़ों में भले ही गिरावट देखी जा रही है लेकिन सब्जियों के दाम अभी भी आसमान छू रहे हैं. कुछ महीने पहले टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ा था और अब प्याज की कीमतें रुलाने की तैयारी कर रहा है. जुलाई-अगस्त में टमाटर के दाम 300 रुपये किलो तक भी चले गए थे. रिटेल बाजार के साथ-साथ थोक बाजार में भी प्याज के रेट नई ऊंचाई पर जा रहे हैं. महाराष्ट्र और कर्नाटक से सप्लाई कम होने की वजह से कीमतों में इजाफा हो रहा है. दूसरी ओर प्याज के दाम फिलहाल और बढ़ने की आशंका है और ऐसे में त्योहारी सीजन के बढ़े हुए खर्चों के साथ लोगों को अब सब्जियों और रसोई की बजट की भी चिंता करनी पड़ सकती है.
प्याज की बढ़ी हुई कीमतों की बात करें तो जुलाई से अगर 19 अक्टूबर के दाम की तुलना करेंगे तो इसमें 100 फीसदी तक की बढ़ोतरी दिख रही है. डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर्स अफेयर्स पर दिए गए कमोडिटी के आंकड़ों के मुताबिक 1 जुलाई 2023 को प्याज के रिटेल दाम 24.17 रुपये प्रति किलो थे. एक किलो प्याज की कीमतें इस वक्त 35.94 रुपये प्रति किलो पर आ चुके हैं. महाराष्ट्र और कर्नाटक से सप्लाई की कमी का असर आने वाले दिनों में कीमतों में और बढ़ोतरी के तौर पर दिख सकता है.
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महाराष्ट्र की थोक मंडियों में बढ़ गए हैं प्याज के दाम
प्याज के बड़े उत्पादक प्रदेश यमहाराष्ट्र की थोक मंडियों में भी प्याज के दाम में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है. प्याज की कीमतों में करीब 30 फीसदी की उछाल के साथ बिक रही हैं. महाराष्ट्र की थोक मंडियों में एक हफ्ते में ही प्याज 30 फीसदी महंगी हो चुकी है. यहां प्याज के रेट पिछले हफ्ते 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर थे जो कि इस हफ्ते 3250 रुपये प्रति क्विंटल पर आ चुके हैं. आने वाले दिनों में इसके और चढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है.
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मानसून में देरी की वजह से कीमतों में उछाल
प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा संबंध महाराष्ट्र में मानसून के देरी से आने की वजह से है. खरीफ की फसलों की आमद में देरी की वजह से लाल प्याज की उपलब्धता कम हो गई है. इस साल महाराष्ट्र में मानसून देरी से पहुंचा था और प्याज की कीमतों में इजाफा हो रहा है. इसके साथ-साथ कर्नाटक की प्याज बेल्ट में भी उत्पादन कम रहा है जिसका असर प्याज की सप्लाई पर देखा जा रहा है.