डीएनए हिंदी: यमुना नदी की बाढ़ ने इस साल दिल्ली-एनसीआर में जमकर तबाई मचाई. हजारों लोगों को खादर से विस्थापित होना पड़ा. ऐसे सैकड़ों लोग अभी भी फ्लाइओवर के किनारे या दूसरे जगहों पर टेंट लगाकर रह रहे हैं. अब यमुना की सहायक नदी हिंडन में तेजी से पानी बढ़ने की वजह से गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निचले इलाकों में तेजी से पानी बढ़ने लगा है. कई इलाकों की गलियों और घरों में भी पानी भर रहा है. पानी भरने की वजह से स्थानीय प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे अपने घरों को खाली कर दें और सुरक्षित जगहों पर बने कैंपों में चले जाएं. गाजियाबाद और नोएडा में हिंडन नदी खतरे के निशान के पास बह रही है और जलस्तर अभी भी तेजी से बढ़ रहा है.
गौतम बुद्ध नगर के एडिशनल कमिश्नर सुरेशराव कुलकर्णी ने कहा है, 'निचले इलाकों में बसे कुछ घरों में पानी भर गया है. एहितयात के तौर पर लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. फिलहाल स्थिति सामान्य है और हम लगातार जलस्तर नाप रहे हैं. हम इसके बारे में जानकारी भी फैला रहे है.' नोएडा और गाजियाबाद में पुलिसकर्मी माइक से अनाउंसमेंट कर रहे हैं लोग निचले इलाकों के घरों को खाली कर दें और बारात घरों और स्कूल में बनाए गए कैंपों में चले जाएं.
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नोएडा, ग्रेटर नोएडा में बाढ़ का खतरा
छिजारसी, बिसरख थाना क्षेत्र, ईकोटेक 3, बहलोलपुर, सोरखा गांव जैसे इलाकों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. अभी स्थिति गंभीर नहीं हैं लेकिन बाढ़ की आशंका देखते हुए लोगों को निकाला जा रहा है. प्रशासन की ओर से पीने के पानी और खाने-पीने की चीजों का इंतजाम इन राहत कैंपों में किया जा रहा है. रात में भी प्रशासन की टीमें इन निचले इलाकों में सक्रिय रहीं और लगातार लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना नदी में पिछले 48 घंटों में लगभग 10 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा चुका है. इसके चलते शनिवार को हिंडन का जलस्तर 200.25 मीटर तक पहुंच गया जबकि खतरे का निशान 205.8 मीटर तक पहुंच गया. गाजियाबाद के फिरोजपुर मोहन, अटोर नगला, करहेड़ा में एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया.
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