Agnipath Recruitment Scheme: सेना में भर्ती के लिए 'अग्निपथ' योजना का हुआ ऐलान, जानिए क्या है खास

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 14, 2022, 01:23 PM IST

मोदी सरकार ने किया अग्निपथ योजना का ऐलान

What is Agnipath Recruitment Scheme: सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई. इसके तहत युवाओं को 4 साल सेना में काम करने का मौका मिलेगा.

डीएनए हिंदी: भारत सरकार ने अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का ऐलान किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना को युवाओं से युक्त बनाने के लिए 'अग्निवीर' की नियुक्ति की जाएगी. इन युवाओं को सेना में चार साल की नौकरी का मौका दिया जाएगा. रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने यह अग्निपथ योजना (Agnipath Yojna) शुरू करने का फैसला किया है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) का ऐलान करते हुए कहा, 'अग्निवीरों के लिए एक अच्छे पैकेज, 4 साल की सेवा के बाद नौकरी छोड़ने पर सेवा निधि पैकेज और एक लिबरल डेथ ऐंड डिसऐबिलिटी पैकेज का भी ऐलान किया है. अग्निपथ योजना से रोजगार के मौके बढ़ेंगे. अग्निवीर सेवा के दौरान अर्जित स्किल और अनुभव का इस्तेमाल करके अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार मिल सकेगा.'

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Agniveer बनने के लिए क्या होगी योग्यता?
अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला (सेवा की जरूरत होने पर शामिल की जाएंगी) दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा. 17.5 से लेकर 21 साल तक के युवा इस सेवा में शामिल होने के लिए योग्य होंगे. वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे. 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं.

Agnipath में कैसे होगी भर्ती?
अग्निपथ योजना के तहत, साढ़े 17 साल से 21 साल के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा. इन्हें 10 हफ्ते से लेकर छह महीने तक की ट्रेनिंग दी जाएगी. इन जवानों को होलोग्राफिक्स, नाइट, फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस किया जाएगा. साथ ही, हैंड हेल्ड टारगेट सिस्टम भी जवानों के हाथ में दिए जाएंगे.  

इस तरह चुने गए कैंडिडेट्स, अग्निवीर के तौर पर 4 साल तक सेना में काम करेंगे. चार साल की सेवा के बाद अग्निवीर सेना की नौकरी छोड़ देंगे. इसके बाद वे समाज में एक स्किल्ड नागरिक के तौर पर वे अनुशासित जीवन जी सकेंगे. मेरिट के आधार पर और सेना की जरूरत के हिसाब से 25 फीसदी अग्निवीरों को रेगुलर कैडर में समायोजित कर लिया जाएगा.

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कितनी होगी सैलरी और क्या होगा टैक्स सिस्टम?
Agnipath योजना के तहत सालाना सैलरी पैकेज 4.76 लाख रुपये होगी. चौथे साल में यह सैलरी बढ़कर 6.92 लाख रुपये हो जाएगी. इसके अलावा रिस्क और हार्डशिप पैकेज अलग से दिया जाएगा. सेना में 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद करीब 11.7 लाख रुपये एकमुश्त ब्याज समेत दिया जाएगा. यह पैसा इनकम टैक्स के दायरे से बाहर होगा.

शहीद हुए जवान तो क्या होगा?
आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने बताया कि अगर इस सेवा के दौरान कोई जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को पूरा इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इसके अलावा, शहीद के परिवार को सेवा निधि समेत लगभग एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा, शहीद की बची हुई सेवा की पूरी सैलरी भी परिवार को मिलेगी. सेवा के दौरान अगर जवान दिव्यांग हो जाते हैं तो दिव्यांगता के प्रतिशत के हिसाब से करीब 44 लाख रुपये मिलेंगे. सेवा निधि के अलावा बची हुई सेवाकाल की पूरी सैलरी भी जवान को दी जाएगी.

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युवाओं और टेक्नोलॉजी पर रहेगा जोर
राजनाथ सिंह ने कहा, 'यूथफुल प्रोफाइल से यह फायदा भी होगा कि उन्हें नई-नई टेक्नोलॉजी के लिए आसानी से ट्रेन किया जा सकेगा और उनकी हेल्थ और फिटनेस का लेवल भी बेहतर होगा. अग्निपथ योजना के अंतर्गत यह प्रयास किया जा रहा है कि भारतीय सेनाओं का प्रोफ़ाइल उतना ही यूथफुल हो जितना कि भारत में युवाओं का प्रोफाइल है. इससे अर्थव्यवस्था को भी अच्छी ट्रेनिंग वाले लोगों मिलेंगे और उत्पादकता बढ़ाने और जीडीपी की बढ़ोतरी में भी मदद मिलेगी.'

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इंडियन आर्मी की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया, 'युवाओं को सेना में चार साल काम करने का मौका मिलेगा. इसके बाद, उनका रेज्यूमे और बायोडेटा एकदम खास होगा. अपने एटिट्यूट, स्किल और हमारे साथ बिताए गए समय की वजह से वे सबसे अलग होंगे.'

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया, 'अभी औसत आयु 32 साल है और आने वाले समय में यह घटकर 26 साल हो जाएगी. सेना को युवाओं से भरपूर, टेक्नोलॉजी से युक्त और आधुनिक बनाने के लिए बड़े बदलावों की ज़रूरत है ताकि युवाओं को भविष्य के सैनिक के रूप में तैयार किया जा सके.'

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में कई अहम सुधार किए हैं. सीडीएस के पद का सृजन किया गया. आधुनिकता पर जोर दिया गया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ थलसेना, वायुसेना और जल सेना के चीफ भी मौजूद थे.

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