डीएनए हिंदी: एम्स प्रशासन ने मरीजों के अटेंडेंट के लिए नया आदेश जारी किया है. आम तौर पर दूर-दराज से आने वाले मरीजों के साथ उनके कई रिश्तेदार परिसर में ही रहते हैं. इस वजह से एम्स में काफी भीड़ हो जाती है. इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अब मरीज के साथ केवल एक तीमारदार को ही अस्पताल परिसर में मौजूद रहने की अनुमति दी जाएगी. एम्स के मेडिकल सुप्ररिटेंडेंट डॉ संजीव लालवानी की ओर से जारी आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू करने की हिदायत दी गई है. कई बार भर्ती हुए मरीज के साथ 4-5 रिश्तेदार होते हैं जो वॉर्ड या दूसरी जगह पर रहते हैं. इसी तरह से ओपीडी के बाहर भी मरीजों के अटेंडेंट मौजूद रहते हैं. ऐसे में परिसर में भीड़ बढ़ जाती है और प्रशासन के लिए उन्हें नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होता है. इसे ध्यान में रखते हुए एक मरीज के साथ एक ही अटेंडेंट की अनुमति अब से होगी.
एम्स के एमएस आफिस से जारी आदेश में लिखा गया है कि एक मरीज के साथ केवल एक ही तीमारदार होगा. हमने कई बार ऐसा देखा है कि मरीज ओपीडी/लैब में जाते हैं या एम्स में भर्ती होते हैं, तो उनके साथ एक या एक से अधिक अटेंडेंट होते हैं जिससे बेवजह की भीड़ होती है. अस्पताल प्रशसान ने यह फैसला लिया है कि एक मरीज के साथ एक ही अटेंडेंट की अनुमति दी जाएगी. कुछ अपवाद स्वरूप मामलों में छूट भी है.
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बच्चों, दिव्यांग और सीनियर सिटिजंस के लिए दी गई छूट
एक मरीज के साथ एक अटेंडेंट के नियम में कुछ लोगों को राहत दी गई है. बच्चे, दिव्यांग और सीनियर सिटिजंस के साथ एक से ज्यादा अटेंडेंट की अनुमति दी गई है. कई बार छोटे बच्चे भी एम्स में भर्ती होते हैं और उनकी देखभाल और बहुत से काम के लिए अक्सर मां की जरूरत होती है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए यह छूट दी गई है. सीनियर सिटिजंस और दिव्यांग जनों की स्थिति को देखते हुए भी एक से ज्यादा अटेंडेंट रखने की छूट दी गई है.
मरीजों से मिलने का समय भी किया गया तय
अभी तक एम्स में मरीजों से मिलने का कोई निश्चित समय तय नहीं था और न ही कभी इसका सख्ती से पालन किया गया. मेडिकल सुपरीटेंडेंट की ओर से जारी आदेश में अब नए नियम के मुताबिक मरीजों से मुलाकात का समय तय कर दिया गया है. अब शाम में चार बजे से 7 बजे के बीच में ही मुलाकात कर सकेंगे और इस नियम का सख्ती से पालन कराए जाने का भी निर्देश दिया गया है. यह भी अस्पताल में भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से किया गया है.
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