डीएनए हिंदी: दिल्ली के अखिल भारतीय भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने कई घंटों तक चले ऑपरेशन के बाद शानदार कारनामा कर दिखाया है. डॉक्टरों की इस टीम ने जन्म से ही आपस में जुड़ी जुड़वां बच्चियों को सफलतापूर्वक अलग कर दिया. इन दो बहनों की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हैं. पुरानी तस्वीर में देखा जा सकता है कि बच्चियां सीने से ही एक-दूसरे से चिपकी हुई हैं. अब नई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि ये दोनों बच्चियां अलग-अलग हैं और पूरी तरह से स्वस्थ और खुश भी हैं.
AIIMS ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दोनों बहनें छाती से जुड़ी हुई थीं. इन्हें एक-दूसरे से सफलतापूर्वक अलग किया गया है. दोनों बच्चियों का लीवर, छाती की हड्डियां, फेफड़ों का डायफ्रॉम और दिल के कुछ हिस्से भी आपस में जुड़े थे. बयान में यह भी कहा गया कि एम्स दिल्ली के बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग ने डॉ. मीनू बाजपेयी के नेतृत्व में आपस में जुड़े जुड़वा बच्चों को सफलतापूर्वक अलग किया.
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घर जाने को तैयार हैं बच्चियां
बताया गया कि लीवर और दिल (हृदय) के क्षेत्र को अलग करना चुनौतीपूर्ण था. सर्जनों की कई टीमों ने बारी-बारी से सर्जरी को सटीक और कुशलता से पूरा किया. बच्चियों को क्रिटिकल केयर यूनिट में रखा गया था. विभिन्न विभागों के इनपुट और हमारे नर्सिंग स्टाफ की कड़ी देखभाल से दोनों स्वस्थ होने में सक्षम हुईं. अब दोनों बच्चियां अस्पताल से घर जाने के लिए तैयार हैं.
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बयान में कहा गया है कि जुड़वा बच्चों को अलग करना एक जटिल सर्जरी है. जिसमें रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, प्लास्टिक सर्जरी, कार्डियोथोरेसिक सर्जन, नर्सिंग आदि सहित विभिन्न विभागों द्वारा समन्वय और सावधानीपूर्वक योजना तथा कार्यान्वयन की जरूरत होती है. जुड़े हुए जुड़वां बच्चे वे बच्चे होते हैं जो जन्म से ही एक-दूसरे से शारीरिक रूप से जुड़े होते हैं.
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