Air Pollution Control: Delhi NCR में इन वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल! बड़ी संख्या में ऑटो भी सड़कों से हटाए जाएंगे

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 14, 2022, 09:10 AM IST

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण कंट्रोल के लिए नई पॉलिसी जारी

Delhi NCR में प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है. प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए CAQM ने नई पॉलिसी जारी कर दी है. इस पॉलिसी का असर आने वाले दिनों में समय में दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर भी दिखाई देगा.

Air Pollution in Delhi NCR: दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) ने नई पॉलिसी जारी की है. इस पॉलिसी के तहत दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अगले 5 सालों में कई कदम उठाने की बात कही गई है. यह पॉलिसी तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है. इसके अनुसार राजधानी दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित सभी थर्मल पावर प्लांट्स को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुसार उत्सर्जन मानकों (emission standards) का पालन सुनिश्चित करना होगा. आइए आपको 7 प्वाइंट्स में बताते हैं प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए बनाई नई पॉलिसी से दिल्ली एनसीआर में क्या बदलाव दिखाई देने वाला है.

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  1. पॉलिसी के तहत दिल्ली एनसीआर के प्रमुख शहरों- गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद से 31 दिसंबर 2024 तक डीजल ऑटो हटा दिए जाएंगे. इनके अलावा NCR के अन्य जिलों में 31 दिसंबर 2026 तक डीजल ऑटो हटाए जाएंगे.
  2. Delhi NCR के सभी जिलों में 1 जनवरी 2023 से सिर्फ CNG और इलेक्ट्रिक ऑटो रजिस्टर किए जाएंगे.
  3. दिल्ली NCR में पेट्रोल पंप उन वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा जिनके पास वैलिड प्रदूषण चेक सर्टिफिकेट नहीं होगा. यह आदेश 1 जनवरी 2023 से लागू होगा.
  4. CAQM ने विभिन्न राज्य सरकारों से वाहनों के लिए स्क्रैपेज नीति लागू करने के लिए कहा है. इसका मकसद ऐसे वाहनों का इस्तेमाल रोकना है जिनका टाइम पीरियड ओवर हो गया है.
  5. दिल्ली और सभी एनसीआर राज्यों को ऐसा प्लान बनाने के लिए कहा गया है जिसमें लंबी दूरी तय करने वाले ट्रकों और अन्य वाणिज्यिक वाहनों को गैस में सप्लाई की जा सके. पॉलिसी के तहत NCR के सभी राज्यों को हाईवे पर CNG और LNG ईंधन नेटवर्क से संबंधित प्लान बनाने के लिए कहा गया है.
  6. 1 जुलाई 2023 से औद्योगिक उपयोग में कोयले के इस्तेमाल को बैन कर दिया गया है.
  7. पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब और हरियाणा को 31 दिसंबर, 2026 तक क्रमश: 60 लाख टन और 20 लाख टन धान की पुआल औद्योगिक अनुप्रयोगों के साथ-साथ थर्मल पावर प्लांट, बायोमास पावर और बायो-ईंधन के उत्पादन का उपयोग करना होगा.

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