Rajiv Gandhi और अजीत डोभाल की तस्वीर हुई वायरल, जानिए किस खास मिशन पर काम कर रहे थे NSA

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 05, 2022, 10:07 PM IST

राजीव गांधी और अजीत डोभाल

NSA Ajit Doval Rajiv Gandhi Pic: सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है. इस तस्वीर में देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को एक साथ देखा जा सकता है.

डीएनए हिंदी: अजीत डोभाल (Ajit Doval) इस समय भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं. उन्हें वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) का बेहद करीबी भी माना जाता है. अब अजीत डोभाल की दशकों पुरानी एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है, जिसमें वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के साथ बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं. कहा जा रहा है कि उस वक्त अजीत डोभाल इंटेलिजेंस ब्यूरों में काम करते थे. इस तस्वीर के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यह तस्वीर ऑपरेशन ब्लैक थंडर के समय की है.

बताया जा रहा है कि यह तस्वीर 1988 की है. उस समय देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे. तस्वीर में देखा जा सकता है कि अजीत डोभाल उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी से किसी मुद्दे पर बात कर रहे हैं. तस्वीर में पूर्व आईबी डायरेक्टर भी दिखाई दे रहे हैं. इस तस्वीर के बारे कई तरह की चर्चाए हैं. कहा जा रहा है कि उस वक्त अजीत डोभाल इंटेलीजेंस ब्यूरो में ऑपरेशनल डायरेक्टर के पद पर थे और एम.के. नारायणन आईबी में डायरेक्टर हुआ करते थे. यह भी कहा जा रहा है कि यह तस्वीर उस वक्त अमृतसर में हुए ऑपरेशन ब्लैक थंडर के समय की है.

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ऑपरेशन ब्लैक थंडर में सक्रिय थे अजीत डोभाल
अजीत डोभाल ने एक दशक तक आईबी के ऑपरेशन विंग का नेतृत्व किया है. इसके अलावा, वह मल्टी एजेंसी सेंटर के संस्थापक अध्यक्ष भी थे. भारत के तीसरे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के. नारायणन के द्वारा उन्हें आतंक निरोधी कार्यों के लिए ट्रेनिंग दी गई है. बताया जाता है कि, ये तस्वीर उसी वक्त की है जब ऑपरेशन ब्लैक थंडर को अंजाम देने की प्लानिंग की जा रही थी. साल 1988 में अजीत डोभाल ने ऑपरेशन ब्लैक थंडर के पहले स्वर्ण मंदिर में घुसकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा की थीं.

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ऑपरेशन ब्लैक थंडर में कुछ आतंकियों ने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था. तब अजीत डोभाल रिक्शा चालक बनकर अंदर घुसे थे और आतंकियों को गुमराह कर कई जानकारियां जुटाई थीं. इसी जानकारी के आधार पर बाद में कमांडो ऑपरेशन हुआ और आतंकवादियों को मारा गिराया गया. अजीत डोभाल 1968 में भारतीय पुलिस सेवा में भर्ती हुए. उसके बाद से उन्होंने पंजाब और मिजोरम में उग्रवादी विरोधी अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया. इसी के बाद अजीत डोभाल को भारत का जेम्स बांड कहा जाने लगा. देश का मसला हो या फिर विदेश का, अजीत डोभाल हर जगह सक्रिय रहते हैं. फिर चाहे वह दिल्ली दंगों का मामला हो या चीन सीमा विवाद.

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अजीत डोभाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है. कहा जाता है कि इस तरह के खुफिया अभियानों में बड़े अधिकारी सीधे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को रिपोर्ट करते हैं. कांग्रेस के कार्यकाल में भी अजीत डोभाल ने कई बड़े बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था, जो बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के मुमकिन नहीं थे. ऐसे में माना जा रहा है कि राजीव गांधी के साथ इस तस्वीर में कुछ इसी तरह के मिशन की चर्चा की जा रही है.

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