शरद पवार ने बनाई थी NCP, पार्टी और सिंबल अजित पवार कैसे ले गए? समझिए ECI ने क्या कहा

नीलेश मिश्र | Updated:Feb 06, 2024, 08:07 PM IST

Sharad Pawar vs Ajit Pawar

Real NCP: चुनाव आयोग ने एनसीपी पर असली हक को लेकर जारी विवाद में अपना फैसला सुना दिया है और शरद पवार को बड़ा झटका दे दिया है.

केंद्रीय चुनाव आयोग ने शरद पवार को बड़ा झटका दे दिया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर असली हक को लेकर चल रहे विवाद में केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुना दिया है. चुनाव आयोग ने अजित पवार की अगुवाई वाले गुट को असली एनसीपी माना है. इस फैसले एनसीपी के संस्थापक रहे शरद पवार और उनके गुट को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को एक विकल्प दिया है जिसके तहत वह कल तक अपनी पार्टी का नया नाम चुनाव आयोग को दे सकते हैं.

लगभग 6 महीने से भी ज्यादा समय में चुनाव आयोग ने 10 से ज्यादा बार सुनवाई की है. इसके बाद चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट के पक्ष में फैसला सुनाया है. यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम और सिंबल पर अब अजित पवार का हक होगा.

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क्या कर सकते हैं शरद पवार?
चुनाव आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए शरद पवार गुट को विशेष छूट देते हुए कहा है कि वह अपने गुट के नए नाम के लिए तीन सुझाव आयोग को दें. शरद पवार गुट को यह सुविधा 7 फरवरी दोपहर 3 बजे तक के लिए दी गई है. बताया गया है कि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर अजित पवार गुट का दावा सही साबित माना गया है क्योंकि पार्टी के आंतरिक चुनाव विवादित रहे हैं.

चुनाव आयोग ने कैसे किया फैसला?
पार्टी पर असली हक के दावे की पुष्टि के लिए चुनाव आयोग ने कई तरह के टेस्ट किए. इसमें पार्टी के संविधान के उद्देश्यों और पार्टी के संविधान के साथ-साथ यह देखा गया कि पार्टी के संगठन और अलग-अलग सदनों में कौनसा गुट हावी है. इसमें चुनाव आयोग ने पाया कि दोनों ही गुट पार्टी के संविधान से इतर जाकर काम कर रहे थे और दोनों ने ही सांगठनिक चुनाव भी संविधान के खिलाफ जाकर ही करवाए.

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यह भी देखा गया कि पार्टी के पदाधिकारी ज्यादातर उन लोगों के द्वारा चुने गए थे जिन्हें खुद पदाधिकारी ने ही चुना था जबकि यह पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के खिलाफ था. चुनाव आयोग के मुताबिक, शरद पवार का दावा था कि संगठन पर उनका कब्जा है लेकिन वह इसे साबित नहीं कर पाए. 

6 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के रूल नंबर 39AA के तहत शरद पवार के गुट को विशेष छूट दी गई है. वह कल यानी 7 फरवरी को दोपहर 3 बजे तक अपनी पार्टी का नया नाम चुनाव आयोग को दे सकते हैं. चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों को सलाह दी है कि वे अपने आंतरिक चुनावों और चुने हुए या नामित सदस्यों के चयन की प्रक्रिया को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करें.

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