अजमेर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद भागीरथ चौधरी पर भरोसा जताया है जबकि कांग्रेस ने अपने 2019 के प्रत्याशी को बदल कर रामचंद्र चौधरी पर दांव खेला है. अजमेर संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 8 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - दूदू, किशनगढ़, पुष्कर, अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, नसीराबाद, मसूदा और केकड़ी. इस सीट के लिए 26 अप्रैल 2024 को मतदान होना है.
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यह सीट ऊपर से तो बीजेपी का गढ़ दिखती है, लेकिन मतदाताओं की टेंडेंसी देखें तो अजमेर न तो बीजेपी का गढ़ है और न ही कांग्रेस का. इस सीट पर 2009 में कांग्रेस के सचिन पायलट ने जीत हासिल की थी. इसके बाद 2014 में बीजेपी के सांवर लाल जाट ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली. 2018 के उपचुनाव में कांग्रेस के रघु शर्मा ने जीत दर्ज की. लेकिन 2019 में मतदाताओं ने बीजेपी के भागीरथ चौधरी को सांसद बनाया. इसलिए कहना होगा कि इस बार इस सीट पर चौधरी बनाम चौधरी में टक्कर है.
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2019 के आम चुनाव में अजमेर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भागीरथ चौधरी की जीत हुई थी. उन्हें कुल 815076 वोट मिले थे. इस चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उम्मीदवार रिजू झुनझुनवाला रहे थे. झुनझुनवाला को इस क्षेत्र के 398652 वोटरों का समर्थन मिला था. इस तरह भागीरथ चौधरी यह चुनाव 416424 वोटों के अंतर से जीत गए थे. 2019 के चुनाव में अजमेर संसदीय क्षेत्र में कुल 1876346 मतदाता थे. इसमें महिला वोटरों की कुल संख्या 918684 थी, जबकि पुरुष वोटर 957650 थे. यह सीट हिंदू और मुस्लिम समुदाय की धार्मिक आस्था का केंद्र है. जहां एक तरफ अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है, तो वहीं पुष्कर में ब्रह्मा का एकमात्र मंदिर है.
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