आकाश मिसाइल ने रचा इतिहास, एक साथ आसमान में भेदे चार लक्ष्य

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 17, 2023, 10:39 PM IST

Akash Missile News Hindi Today

Akash Prime Missile: डीआरडीओ ने बताया कि इस मिसाइल की मारक क्षमता 25 किलोमीटर है और मिसाइल अचूक निशाना साधती है. आइए जानते हैं कि इस मिसाइल से भारत को क्या फायदा मिलने वाला है.

डीएनए हिंदी: भारतीय वायुसेना ने अस्त्रशक्ति 2023 में कमाल कर दिखाया है. आकाश मिसाइल सिस्टम के प्रदर्शन में डीआरडीओ ने दिखाया कि आकाश एक साथ चार निशानों को तबाह करने की ताकत रखता है. डीआरडीओ के मुताबिक भारत ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने ऐसी क्षमता हासिल की है, जिससे सिंगल फायरिंग यूनिट के जरिए उस रेंज पर कमांड गाइडेंस के जरिए 4 टार्गेट्स के नष्ट किया. यह मिसाइल हवा में सटीक निशाना साधने की ताकत से लैस आकाश मिसाइल सिस्टम भारत के सुरक्षा असलहों में अत्याधुनिक हथियार के रूप में गिना जाएगा. 

रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारत ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने ऐसी क्षमता हासिल की है, जिससे सिंगल फायरिंग यूनिट के जरिए उस रेंज पर कमांड गाइडेंस के जरिए 4 लक्ष्यों को ढेर कर दिया. यह प्रदर्शन 12 दिसंबर को सूर्यलंका वायु सेना स्टेशन में अस्त्रशक्ति 2023 के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित किया गया था. स्वदेशी आकाश वेपन सिस्टम को डीआरडीओ ने बनाया है.

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 क्या है स्वदेशी आकाश वेपन सिस्टम?

आकाश वेपन सिस्टम एक स्वदेशी डिफेंस सिस्टम है, जिसे खरीदने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों ने ऑर्डर दिए हैं, इसको लगातार DRDO के वैज्ञानिक अपग्रेड कर रहे हैं. आकाश भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) की एक छोटी दूरी की सरफेस टू एयर (एसएएम) एयर डिफेंस सिस्टम है. यह सिस्टम दुश्मन के हवाई हमलों से एक बड़े इलाके की रक्षा कर सकता है. आकाश वेपन सिस्टम (एडब्ल्यूएस) ग्रुप मोड या ऑटोनॉमस मोड में एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है. आकाश मिसाइल सिस्टम 4-25 किलोमीटर की रेंज में उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर, लड़ाकू जेट और यूएवी को प्रभावी ढंग से मार गिरा सकता है. इसे रेल या सड़क मार्ग से तेजी से कहीं भी ले जाया जा सकता है और जल्दी से तैनात किया जा सकता है.  इससे पहले डीआरडीओ ने स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग यूएवी, ऑटोनोमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर का सफल परीक्षण किया था.

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डीआरडीओ ने कही यह बात 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर डीआरडीओ ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने आकाश हथियार प्रणाली का सफल इस्तेमाल किया. अधिकारियों ने कहा कि आकाश हथियार प्रणाली को फायरिंग लेवल रडार, फायरिंग कंट्रोल सेंटर और दो आकाश एयरफोर्स लॉन्च के साथ तैनात किया गया। इन लॉन्चर्स में 5 मिसाइलें लगी हुई थीं. इस अभ्यास के दौरान सबसे पहले एफएलआर ने हवा में दुश्मनों का पता लगाया और फिर आकाश फायरिंग यूनिट ने उन लक्ष्यों को हवा में ही मार गिराने का आदेश दिया. 

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