डीएनए हिंदी: असम में एक बार फिर अवैध खनन पर सियासत तेज हो गई है. लेडो और मरघेरिता इलाके में हो रही अवैध कोल माइनिंग हमेशा से प्रशासन और सरकार के लिए मुश्किलें पैदा करती रही हैं. शिवसागर से विधायक और असम के दिग्गज नेताओ में शुमार अखिल गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को खुला पत्र लिखा है और कई सवाल दागे हैं.
अखिल गोगोई ने एक फेसबुक पोस्ट में मरघेरिता इलाके में चल रहे कोयले के अवैध खनन को लेकर कुछ सवाल किए हैं. उन्होंने लिखा, 'लेडो-मरघेरिता में कोयले का अवैध खनन चल रहा है. मुख्यमंत्री जी और कितना लूटोगे?'
मरघेरिता इलाका तिनसुकिया जिले में पड़ता है. लेडो, मरघेरिता और लेकाफनी इलाकों में बड़े स्तर पर कोयले का खनन चल रहा है. यह पोल तब खुली जब कोयले से लदा एक ट्रक हादसे का शिकार हो गया. जैसे ही हादसे की सूचना मिली, शिवसागर के विधायक अखिल गोगोई ने राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को एक खुला पत्र पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने त्वरित कार्रवाई के लिए कहा है.
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धारा 144 लागू फिर भी नहीं थम रहा अवैध खनन
अखिल गोगोई ने आरोप लगाया, 'हमारे सूत्रों के अनुसार, लगभग 500 अवैध खनन के कारोबार में शामिल लोग और जेसीबी अवैध कोल माइनिंग के धंधे में लगे हैं. लेडो और मरघेरिता में अवैध खनन चल रहा है. ऐसी खनन गतिविधियों पर रोक है. धारा 144 लगाई गई है फिर भी अवैध खनन का कारोबार जारी है.'
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क्या है अखिल गोगोई की मांग?
अखिल गोगोई ने मुख्यमंत्री से तत्काल कार्रवाई की मांग की है और पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है. पुलिस शिकायत में अखिल गोगोई के साथ शामिल आदिवासी छात्र संघ की तिनसुकिया क्षेत्रीय समिति ने आरोप लगाया कि जिस ट्रक से दुर्घटना हुई थी उसमें लदा कोयला अवैध रूप से खना गया था. बीते सप्ताह जिला प्रशासन ने दिगबोई वन प्रभाग, लेखपानी रिजर्व फॉरेस्ट, तिरप रिजर्व फॉरेस्ट और तिपोंग रिजर्व फॉरेस्ट में CrPC की धारा 144 लगा दी थी, जिससे इन वन क्षेत्रों में अनधिकृत प्रवेश और वनों की कटाई की आशंका को रोका जा सके. इन इलाकों में बाहरी और आम लोगों की एंट्री पर रोक लगाई गई थी. खनन उपकरणों, जेसीबी और डंपर जैसी गाड़ियों को आने से रोका गया था. जंगलों की सफाई पर रोक लगाई गई थी. अवैध शिकार और अतिक्रमण को भी प्रतिबंधित किया गया था. अब अखिल गोगोई के दावे के बाद असम में सियासत तेज हो सकती है.
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