Uttar Pradesh News : जेपी को माला पहनाने पर सियासी घमासान, अखिलेश ने नीतीश से केंद्र का साथ छोड़ने को कहा

Written By राजा राम | Updated: Oct 11, 2024, 06:43 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज पूरा दिन सियासी भूचाल मचा रहा. जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से रोके जाने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार से केंद्र सरकार से अपनी समर्थन वापस लेने की अपील की है.

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता नीतीश कुमार से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से समर्थन वापस लेने की अपील की. यह मांग उस समय आई जब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अखिलेश को लखनऊ के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) में जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से रोक दिया.

अखिलेश यादव ने जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण का कार्यक्रम रखा था. राज्य सरकार ने उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी. पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच अखिलेश ने अपनी नाराजगी जाहिर की और अपने आवास पर स्थित जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दिया.

नीतीश से समर्थन वापस लेने की अपील
माल्यार्पण के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि नीतीश कुमार, जो खुद जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से निकले हुए  नेता हैं इसीलिए उन्हें  मोदी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए.उन्होंने कहा, यह सरकार समाजवादी विचारधारा को दबा रही है, और जब समाजवादी नेताओं को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर श्रद्धांजलि देने की इजाजत नहीं मिल रही है.

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जदयू और राजद ने दी प्रतिक्रिया
अखिलेश की इस अपील पर जदयू की प्रवक्ता अंजुम आरा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जयप्रकाश नारायण को सच्ची श्रद्धांजलि उनके सिद्धांतों का पालन करने में है  सिर्फ माल्यार्पण करना नहीं. वहीं राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने अखिलेश का समर्थन करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को बीजेपी से अलग हो जाना चाहिए. नीतीश जी को बीजेपी की नीतियों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए क्योंकि बीजेपी जेपी के सपनों को चूर-चूर कर रही है.

कौन थे जयप्रकाश नारायण
भारत के इतिहास में कई ऐसे व्यक्तित्व हुए हैं जिनका योगदान सदियों तक याद रखा जाएगा और उनमें से एक प्रमुख नाम है जयप्रकाश नारायण, जिन्हें देशभर में 'लोकनायक' के रूप में जाना जाता है. 5 जून 1974 को बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ 'सम्पूर्ण क्रांति' का आह्वान करने वाले जेपी ने भारतीय राजनीति और समाज में ऐसा परिवर्तनकारी आंदोलन खड़ा किया, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. जेपी ने समाजवाद की गूंज को पूरे देश में फैलाया और भारतीय राजनीतिक आंदोलनों में उनकी भूमिका हमेशा अहम रही है. 

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