देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata Death) के निधन के बाद देश में शोक की लहर है. रतन टाटा ने 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली. उनकी उम्र 86 साल थी. उनके निधन के बाद तमाम लोग श्रद्धांजलि देते हुए अपने अनुभव साझा कर रहे हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी और 9 साल पहले की कहानी बताई.
अखिलेश यादव ने बताया कि लगभग 9 साल पहले रतन टाटा एक इवेंट में शामिल होने के लिए लखनऊ आए थे. यह इवेंट 2015 में माऊंट एवरेस्ट फतेह करने वालीं दुनिया की एकमात्र निशक्त पर्वतारोही पदमश्री अरुणिमा सिन्हा ने रखा था. जिन्होंने विकलांग खेल अकादमी और प्रोस्थेटिक लिम्ब रिसर्च सेंटर के शिलान्यास के लिए रतन टाटा और उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर बुलाया था. अखिलेश ने तब मंच पर रतन टाटा से जुड़े एक किस्से को सुनाया था.
उन्होंने कहा कि जो उद्योगपति बिजनेस के बारे में भारत को समझना चाहते थे, वे पहले रतन टाटा से जाकर मिलते थे. अखिलेश ने बताया कि मेरे पिता मुलायम सिंह यादव ने टाटा उद्योग को लाने कई बार कोशिश की थी. देश के 'रतन' से पहली बार मेरी मुलाकात अमेरिका में हुई थी. जब मैं अमेरिका दौरे पर गया तो उनके एक होटल में ठहरा था. वहां रतन टाटा जी से मिला. वह जो वादा करते, उसे निभाते भी थे.
'जिन्होंने सिखाया उसूलों का कारोबार'
अखिलेश यादव ने भी टाटा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए एक्स पर लिखा, 'जिन्होंने सिखाया कैसे उसूलों के साथ कारोबार किया जाता है, अपने लाभ को कल्याण के लिए लगाया जाता है, ऐसे महान रतन टाटा जी का जाना इतिहास के एक पन्ने का पलट जाना है. भावभीनी श्रद्धांजलि!'
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