यूपीएससी में लेटरल एंट्री को लेकर मचे सियासी घमासान बीच केंद्र सरकार ने यू-टर्न ले लिया. केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC चैयरमेन को पत्र लिखकर कहा कि सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगाई जाए. सरकार के इस फैसले पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी की लेटरल एंट्री जैसी हर साजिश को हम नाकाम करेंगे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, 'संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे. भाजपा की लेटरल एंट्री जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे. मैं एक बार फिर कह रहा हूं 50% आरक्षण सीमा को तोड़कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे.'
क्या बोले अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव ने कहा, 'यूपीएससी में लेटरल एंट्री के पिछले दरवाजे से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साजिश आखिरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गई. सरकार को अब अपना ये फैसला भी वापस लेना पड़ा है. भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये PDA में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है.
उन्होंने कहा, 'इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी ‘लेटरल भर्ती’ के खिलाफ 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है. साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी व पुरजोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध करेगी. जिस तरह से जनता ने हमारे 2 अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, ये उस एकजुटता की भी जीत है. लेटरल एंट्री ने बीजेपी का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है.'
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सीधी भर्ती पर 72 घंटे में फैसला वापस
बता दें कि मोदी केंद्र सरकार ने विवाद के बीच मंगलवार को यूपीएससी को नौकरशाही में लेटरल एंट्री से संबंधित विज्ञापन वापस लेने का निर्देश दिया है. लेटरल एंट्री एक सीधी भर्ती की प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों में कुछ निश्चित समय के लिए नियुक्ति की जाती है. ये भर्तियां सामान्यत: संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर की जाती हैं.
केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने की घोषणा की थी. आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं-भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFOS) और अन्य ‘ग्रुप ए’ सेवाओं के अधिकारी तैनात किए जाते हैं.
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