Holi 2023 Mosque covered: होली पर तिरपाल से ढकी गईं मस्जिदें, जानिए यूपी में कहां हो रहा है ऐसा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 07, 2023, 05:40 PM IST

Aligarh Mosque: हलवाइयों की मस्जिद को तिरपाल से ढका गया है.

Uttar Pradesh News: अलीगढ़ में सांप्रदायिक तनाव चरम पर रहता है. होली के रंग से शांति भंग न हो जाए, इसलिए यह काम किया जाता है.

डीएनए हिंदी: Aligarh News- उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव के लिहाज से सबसे संवेदनशील शहरों में अलीगढ़ को गिना जाता है. वहां के सब्जी मंडी और कनवरीगंज इलाके को अतिसंवेदनशील की कैटेगरी में रखा गया है. इसी इलाके में मौजूद है हलवाइयों वाली मस्जिद (Halwaiyan Mosque Aligarh), जिसे तिरपाल से ढक दिया गया है. यह काम इस मस्जिद के अंदर किसी तरह के कंस्ट्रक्शन कार्य की धूल-मिट्टी बाहर आने से रोकने के लिए नहीं किया गया है, बल्कि यह काम इसलिए किया गया है ताकि होली के रंग अलीगढ़ की शांति भंग ना कर दें. दरअसल मस्जिद में होली का रंग बिखरने से सांप्रदायिक तनाव पैदा नहीं हो जाए, इसलिए पुलिस-प्रशासन के निवेदन पर मस्जिद के केयरटेकर ने खुद इसे तिरपाल से कवर कर दिया है. यह मस्जिद 2 से 3 दिन तक ऐसे ही कवर रहेगी.

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पिछले 5 साल से चल रहा है ये सिलसिला

कोतवाली थाना इलाके में अब्दुल करीम चौराहे पर हलवाइयों की मस्जिद है. इस मस्जिद के केयरटेकर हाजी मोहम्मद इकबाल के मुताबिक, मस्जिद को ढंकने का यह सिलसिला पिछले 4-5 साल से चल रहा है. उन्होंने ANI से कहा कि यह संवेदनशील चौराहा है. यहां जमकर होली खेली जाती है. इस दौरान मस्जिद की दीवारों पर रंगों के छींटे ना पड़ें और अंदर तक अबीर-गुलाल उड़कर ना पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए मस्जिद को तिरपाल से ढक दिया जाता है. 

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इस बार ज्यादा संवेदनशील है होली

दरअसल अलीगढ़ वैसे ही संवेदनशील शहर है, लेकिन इस बार हिंदुओं की होली और मुस्लिमों का शब-ए-बारात पर्व एक ही दिन पड़ रहे हैं. इसके चलते अलीगढ़ के हालात और भी ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं. इन त्योहारों की खुशियों में सांप्रदायिक तनाव का ग्रहण ना लगे, इसके लिए पुलिस-प्रशासन की खास टीमें लगातार जुटी हुई हैं.

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'अमन-चैन से मने त्योहार, बस यही है चाहत'

स्थानीय लोगों का भी कहना है कि होली के त्योहार को यहां बेहद अमन-चैन से मनाया जाता है. इस दौरान एहतियातन मस्जिद को ढक दिया जाता है. इसे लेकर किसी को भी अन्य किसी से शिकवा या शिकायत नहीं है. एक स्थानीय मुस्लिम ने कहा कि सड़क पर होली के रंग खेलने के समय हम लोग बाहर निकलने से थोड़ा बचते हैं ताकि किसी भी पक्ष को दूसरे पक्ष से कोई शिकायत नहीं हो और होली के रंग में भंग ना पड़ जाए. 

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