डीएनए हिंदीः सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल (Tajmahal) की चारदीवारी से 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को हटाने का निर्देश दिया है. इस फैसले का असर सैकड़ों व्यवसायियों पर पड़ेगा. न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए.डी.एन. राव ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि ताजमहल के पास सभी व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश जारी किए जाने चाहिए.
22 साल पहले भी जारी हुआ था आदेश
बता दें कि शीर्ष अदालत को सूचित किया गया था कि इसी तरह का आदेश मई 2000 में जारी किया गया था, लेकिन निर्देश को दोहराना उचित है, प्रस्तुतियों से सहमत है, और आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल के 500 मीटर के दायरे को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया है. ताजमहल यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है.
शीर्ष अदालत ने यह आदेश दुकान मालिकों के एक समूह के आवेदन पर पारित किया, जिन्हें 500 मीटर के दायरे से बाहर जगह आवंटित की गई है. दुकान मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि स्मारक के पश्चिमी द्वार पर अवैध व्यावसायिक गतिविधियां पनप रही हैं, जो अदालत के आदेश का उल्लंघन है.
इनपुट- आईएएनएस
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