इलाहाबाद गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर बसा हुआ शहर है. कहते हैं कि सरस्वती अब अंतःसलिला है, यानी वह दिखती नहीं. एक वजह यह भी है कि इस शहर को कुंभनगरी भी कहते हैं. हर 12 साल में कुंभ मेला लगता है, इसलिए भी इसे कुंभनगरी कहा जाने लगा. इसके अलावा इसे कई लोग तंबूनगरी के रूप में भी जानते हैं. इस शहर का नाम इलाहाबाद हुआ करता था, जिसे 2018 में योगी सरकार ने बदलकर इलाहाबाद कर दिया. इलाहाबाद लोकसभा सीट के लिए 25 मई को मतदान होना है.
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2019 के आम चुनाव में इलाहाबाद लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की रीता बहुगुणा जोशी ने जीत का परचम लहराया था. उन्हें कुल 494454 वोट मिले थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह पटेल रहे थे. उन्हें इस संसदीय क्षेत्र के 310179 मतदाताओं का समर्थन मिला था. 184275 वोटों के अंतर से राजेंद्र सिंह पटेल चुनाव हार गए थे. 2019 में इस संसदीय क्षेत्र में कुल वोटर्स 1716160 थे, जिसमें महिला वोटरों की संख्या 775850 थी जबकि पुरुष वोटर 940120 थे.
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उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा घनी आबादी वाला शहर है इलाहाबाद. इस लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 5 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - मेजा, करछना, बारा, कोरांव और इलाहाबाद दक्षिणी शामिल है. इलाहाबाद संसदीय सीट ने देश को बड़ी राजनीतिक शख्सियतें दी हैं. देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, मुरली मनोहर जोशी, जनेश्वर जैसे राजनीतिक दिग्गज यहां से चुनाव जीते हैं. हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज को हराकर अमिताभ बच्चन भी यहां के सांसद रह चुके हैं.
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