यौन शोषण मामलों में महिला गर्भपात की हकदार, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर की टिप्पणी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 11, 2023, 11:17 PM IST

allahabad high court

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अगर यौन शोषण की शिकार महिला बच्चे को जन्म देती है तो यह दुख देने वाला है. अदालत ने इस मामले में जल्द ही रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

डीएनए हिंदी: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक 12 वर्षीय मूक - बधिर दुष्कर्म पीड़िता द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई की. जिसमें हाईकोर्ट ने कहा कि यौन शोषण की शिकार महिला को उस बच्चे को जन्म देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. अदालत ने कहा कि अगर ऐसा किया जाता है तो यह ऐसा दुख होगा, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया.

न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की पीठ 12 वर्षीय मूक - बधिर दुष्कर्म पीड़िता के मामले में आदेश पारित किया. दरअसल, दुष्कर्म पीड़िता द्वारा दायर रिट याचिका में किशोरी ने 25 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति मांगी थी. पीड़िता के वकील ने अदालत में दलील दी कि लड़की की पड़ोसी ने उसका कई बार यौन शोषण किया लेकिन बोलने और सुनने में असमर्थ होने की वजह से वह किसी को नहीं बता पा रही.

इसे भी पढ़ें- दिल्ली में यमुना की लहर बेलगाम, हजारों लोगों का रेस्क्यू, निचले इलाकों में बाढ़ का अलर्ट

सांकेतिक भाषा में पीड़िता ने मां को बताई थी आपबीती

वकील ने बताया कि लड़की ने अपनी मां द्वारा पूछे जाने पर सांकेतिक भाषा में इस मामले का खुलासा किया था. लड़की ने बताया कि उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया गया  जिसके बाद पीड़िता की मां ने यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत दुष्कर्म और अपराधों के लिए आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई. 16 जून, 2023 को यह चिकित्सा परीक्षण में पाया गया कि लड़की 23 सप्ताह की गर्भवती है. जिसके बाद इस मामले को मेडिकल बोर्ड के सामने रखा गया तो बोर्ड ने कहा कि गर्भधारण 24 सप्ताह से ज्यादा का है. गर्भपात कराने से पहले अदालत की अनुमति लेना आवश्यक है. इसके बाद पीड़िता ने यह याचिका दायर की.

 

इसे भी पढ़ें- बाढ़ बारिश से बेहाल देश, आफत में लोगों की जान, कहां हुआ कितना नुकसान? जानिए सबकुछ

 

अदालत ने दिए ऐसे निर्देश

इस मामले में आपात स्थिति पर विचार करते हुए और मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए अदालत ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति से अलीगढ़ स्थित जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज को प्रसूति विभाग, एनेस्थीसिया विभाग और रेडियो डायग्नोसिस विभाग की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय टीम गठित कर 11 जुलाई को याचिकाकर्ता की जांच करने और 12 जुलाई को अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

allahabad high court Sexually Assaulted Crime News Crime News in Hindi