डॉक्यूमेंट्री India Who Lit the Fuse की रिलीज़ पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, समझिए क्या है वजह

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 15, 2023, 12:14 PM IST

Allahabad High Court

India Who Lit the Fuse Documentary: अल जजीरा की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया हू लिट द फ्यूज' की रिलीज़ पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है.

डीएनए हिंदी: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अल-जजीरा की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'India... Who Lit the Fuse' की रिलीज़ पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने भारत सरकार को आदेश दिया है कि जब तक इस डॉक्यूमेंट्री के कॉन्टेंट की जांच न कर ली जाए और जरूरी सर्टिफिकेट न दिया जाए, तक तक इसका प्रसारण नहीं किया जाना चाहिए. आरोप है कि इस सीरीज को धार्मिक समुदायों के बीच नफरत फैलाने के इरादे से बनाया गया है.

यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर कुमार ने दायर की थी. हाई कोर्ट ने इस मामले में अगली तारीख 6 जुलाई तय की है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया कि फिल्म को तब तक प्रसारित न किया जाए, जब तक कि इसकी सामग्री अधिकारियों द्वारा जांच नहीं की जाती है और सक्षम अधिकारी से प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं किया जाता है.

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6 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अल जजीरा मीडिया नेटवर्क को 6 जुलाई तक मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि फिल्म ने धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से तथ्यों के नकारात्मक और गलत संस्करण को चित्रित किया है. जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की.

याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होंने प्रिंट और सोशल मीडिया रिपोर्टों से देखा है कि फिल्म में भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक को डरा हुआ दिखाया गया है और सार्वजनिक घृणा की भावना पैदा करती है. उनके वकील ने दलील दी कि यह फिल्म भारत के राजनीतिज्ञों को नकारात्मक रूप से चित्रित करती है और उन्हें अल्पसंख्यकों के हितों के लिए हानिकारक बताती है. इसका उद्देश्य देश के सबसे बड़े धार्मिक समुदायों के बीच दरार पैदा करना है.

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सुधीर कुमार ने यह आशंका भी जताई कि संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों का पालन किए बिना विचाराधीन फिल्म का प्रसारण सार्वजनिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है और इस प्रकार भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचा सकता है. अदालत ने कहा, हम प्रतिवादी को फिल्म इंडिया..हू लिट द फ्यूज? को रिलीज करने से रोकते हैं, जब तक कि वर्तमान याचिका में उठाए गए मुद्दों पर प्रतिवादी को नोटिस के बाद निर्णय नहीं दिया जाता.

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