डीएनए हिंदी: केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट (Thiruvananthapuram Airport) पर उतरने वाले और यहां से उड़ान भरने वाले हवाई जहाजों की संख्या कम नहीं है. इसके बावजूद यह एयरपोर्ट हर साल दो बार पांच-पांच घंटे के लिए बंद कर दिया जाता है. मंगलवार को भी यह एयरपोर्ट रात के 9 बजे तक बंद रखा गया. इसका कारण है कि श्री पद्मनाथ स्वामी मंदिर की यात्रा (Alpasi Arattu Procession) समुद्र तक जाती है. इस अल्पासी अराट्टू यात्रा के रास्ते में ही एयरपोर्ट का रनवे पड़ता है. श्रद्धालु पैदल ही जाते हैं इसलिए रनवे को पांच घंटे के लिए बंद रखा जाता है. मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple) से यात्रा निकालने की यह परंपरा हजारों साल पुरानी है.
कहा जाता है कि यह परंपरा 5,000 साल पुरानी है. हर साल मंदिर से समुद्र तक यह यात्रा एक तय रास्ते से ही जाती है और वापस आती है. इस बार भी मंगलवार को तिरुवनंपुरम एयरपोर्ट शाम 4 बजे से रात के 9 बजे तक बंद रहा. इस दौरान चार अंतरराष्ट्रीय उड़ानों समेत कुल छह उड़ानों का समय बदल दिया. कुल मिलाकर इन पांच घंटों में एयरपोर्ट का काम पूरी तरह से बंद रहा.
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साल में दो बार बंद होता है एयरपोर्ट
एयरपोर्ट बंद करने की यह घटना साल में दो बार होती है. मार्च-अप्रैल में पेनकुनी उत्सव के लिए एयरपोर्ट बंद होता है और फिर अक्टूबर-नवंबर में अराट्टू जुलूस के लिए. इस यात्रा में श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर से भगवान विष्णु को एक पालकी पर बिठाकर एयरपोर्ट के पीछे शांगमुघम तट तक ले जाया जाता है. यहां पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु को स्नान कराया जाता है.
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यह यात्रा सदियों से चली आ रही है. यात्रा का रास्ता भी तय है. साल 1932 में जब इसके रास्ते में एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव आया तो यात्रा की वजह से ही विरोध किया गया. उसी वक्त एक सहमति बनी कि यात्रा के रास्ते में कोई बाधा नहीं आएगी और यात्रा के लिए रास्ता दिया जाएगा. यही कारण है कि आज भी यात्रा को रनवे से गुजरने की अनुमति दी जाती है और एयरपोर्ट को चार-पांच घंटों के लिए बंद कर दिया जाता है.
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