Amarnath के अलावा भी कई तीर्थ स्थलों पर हो चुके हैं हादसे, Kedarnath समेत ये 5 हैं सबसे बड़ी त्रासदी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 09, 2022, 10:52 AM IST

अमरनाथ में बादल फटा

Amarnath Cloud Burst की घटना ने केदारनाथ हादसे की याद दिला दी है. देश में पहले भी कई बार धार्मिक स्थलों पर हादसों की वजह से श्रद्धालुओं को जान गंवानी पड़ी है. इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे ऐसे ही दर्दनाक हादसों के बारे में, जो पूरे देश में कई दिनों तक सुर्खियां बने रहे.

डीएनए हिंदी: शुक्रवार को अमरनाथ में बादल फटने की वजह से 16 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में 60 से ज्यादा घायल हुए हैं और 40 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. भारतीय सेना हादसे वाली जगहों पर हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. यह पहली बार नहीं है कि भारत के किसी तीर्थ स्थल पर अनहोनी हुई हो, इससे पहले भी श्रद्धालु तीर्थ स्थलों पर हादसे के शिकार हो चुके हैं. आइए आपको बताते हैं तीर्थ स्थलों पर हुईं 5 ऐसी घटनाओं के बारे में, जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौत हो गई.

Kedarnath Tragedy
अमरनाथ में बादल फटने की घटना ने साल 2013 में हुए उत्तराखंड के केदारनाथ में हुए हादसे की याद दिला दी है. उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित केदारनाथ धाम में 13 जून से 17 जून के बीच हुए असमान्य बारिश की वजह से हजारों लोग काल के मुंह में समा गए. बादल फटने की वजह से केदारनाथ के हजारों श्रद्धालु पानी में बह गए, आसपास के गांवों में रहने वाले हजारों लोग बेघर हो गए. केदारनाथ में आई इस आपदा के बाद लंबे समय तक सर्च ऑपरेशन चलाए गए.  इस आपदा को साल 2004 में आई सुनामी के बाद देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा भी कहा जाता है.

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Vaishno Devi
इस साल के पहले ही दिन जम्मू के रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी के धाम पर भगदड़ मचने की वजह से हादसा हुआ था. इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद माता के दर पर जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तरफ से कई और इंतजाम किए गए. मौसम की वजह से त्रिकुटा पर्वत पर स्थित भवन पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा न हो इसको लेकर भी श्राइन बोर्ड अलर्ट हो गया.

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Mandhardevi Temple
महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित मंदारदेवी मंदिर में एक सालाना तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक भक्तों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए. हादसा उस वक्त हुआ जब श्रद्धालुओं द्वारा नारियल तोड़ने की वजह से सीढ़ियों पर फिसलन हो गई. 25 जनवरी 2005 को हुआ यह हादसा पूरे देश के अखबारों की सबसे बड़ी खबर बना. इसके अलावा 27 अगस्त 2003 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में आयोजित किए गए कुंभ मेले में भगदड़ की वजह से 39 लोगों की मौत हो गई और 140 घायल हुए थे.

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Chamunda Devi Temple
30 सितंबर 2008 को राजस्थान के जोधपुर शहर स्थित चामुंडा देवी मंदिर में हुए दर्दनाक हादसे में 250 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में 60 लोग घायल भी हुए. बताया जाता है कि चामुंडा देवी मंदिर में यह हादसा भगदड़ मचने की वजह से हुआ. भगदड़ का कारण चामुंडा देवी मंदिर में बम फटने की अफवाह थी. इसी तरह 8 नवंबर 2011 को हरिद्वार में 'हर की पौड़ी' पर भगदड़ से गंगा स्नान के लिए आए 20 लोगों की मौत हो गई.

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Naina Devi Temple
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित नैना देवी मंदिर में 2 अगस्त 2008 को पत्थर गिरने की अफवाहों की वजह से भगदड़ मच गई थी. भगदड़ की वजह से 162 लोगों की मौत हो गई और 47 लोग घायल हुए थे. इसी तरह 13 अक्टूबर 2013 को मध्य प्रदेश के दतिया स्थित रतनगढ़ मंदिर में नवरात्रों के दौरान मची भगदड़ की वजह से 115 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हो गए. बताया जाता है कि यहां भगदड़ इस अफवाह से शुरू हुई थी कि श्रद्धालु जिस नदी पुल को पार कर रहे थे वह टूटने वाला है.

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