डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने इस महीने के अंत में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2022) के लिए सुरक्षा व्यवस्था और अन्य तैयारियों की बृहस्पतिवार को समीक्षा की है.
सुरक्षा के मद्देनजर हुई इस अहम बैठक में मुख्य सचिव के साथ ही गृह विभाग, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF) और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया है.
बैठक में किन मुद्दों पर रहा है जोर?
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीर घाटी की सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया है. कश्मीर घाटी में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा लगातार चुनौती बनी हुई है. आतंकी कश्मीरी पंडितों पर हमला बोल रहे हैं जिसकी वजह से दूसरे लोग भी घाटी में जाने से डर रहे हैं.
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बैठक में अमरनाथ यात्रा के रूट को लेकर भी चर्चा की गई है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने टेलीफोन, मोबाइल नेटवर्क, स्वास्थ्य देखभाल, फायर सिक्योरिटी से लेकर बिजली और पानी जैसी सुविधाओं पर भी चर्चा की गई है.
अमरनाथ रूट पर इन बातों का रखा जाएगा ध्यान
बैठक में रूट की सुरक्षा, बिजली और पानी की आपूर्ति, मौसम पूर्वानुमान, स्वच्छता, ठहरने, लंगर प्रबंधन और आपदा प्रबंधन की विस्तृत योजनाओं पर भी चर्चा की गई है. कश्मीर प्रशासन ने यह तय किया है कि तीर्थयात्रियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी.
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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ मिलकर सभी तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था की योजना तैयार की है. गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक तीर्थयात्रा के लिए केंद्र ने 15,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है. इसके अलावा, सरकार ने लगभग 400 अर्धसैनिक कंपनियों को भी तैनात किया है.
कब से शुरू होगी यह यात्रा?
43 दिनों तक चलने वाली यह तीर्थयात्रा दो साल के अंतराल के बाद 30 जून से शुरू होगी. यह यात्रा रक्षा बंधन तक चलती है. इस यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं.
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