Israel Hezbollah War: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इजरायल ने एक शेल कंपनी बनाकर हिजबुल्लाह को निशाना बनाने की रणनीति को ‘मास्टरस्ट्रोक’ करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस तरह की योजना बनाने में सालों की तैयारी की जरूरत होती है. दरअसल, जनरल द्विवेदी 'चाणक्य डिफेंस डायलॉग्स' में शिरकत कर रहे थे. जब उनसे लेबनान में पेजर ब्लास्ट्स हमलों के बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा कि इजरायल ने हिजबुल्लाह के नेताओं को निशाना बनाने के लिए एक फर्जी कंपनी का सहारा लिया. उन्होंने इसे भारत के लिए भी एक चेतावनी बताया और कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भारत को सप्लाई चेन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
'युद्ध उसी समय शुरू हो जाता है, जब आप योजना बनाते हैं'
सेना प्रमुख ने कहा, 'युद्ध उस दिन नहीं शुरू होता, जब आप लड़ना शुरू करते हैं. युद्ध उसी दिन शुरू हो जाता है जब आप योजना बनाना शुरू करते हैं'. उन्होने आगे कहा कि इजरायल की योजना का हर पहलू एक लंबी तैयारी का हिस्सा था, जिसमें एक ताइवानी कंपनी से पेजर की सप्लाई, उसके बाद हंगरी की एक कंपनी को भेजना और फिर एक शेल कंपनी के जरिए इसे लेबनान तक भेजना शामिल है. सेना प्रमुख ने आगे बताया कि इसे अंजाम देने में सालों की योजना और तैयारी की जरूरत होती है.
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भारत को सप्लाई चेन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऐसी रणनीतियों से निपटने के लिए भारत को भी अपनी सप्लाई चेन पर विशेष निगरानी रखनी होगी. उन्होंने कहा,'सप्लाई चेन इंटरप्शन और इंटरसेप्शन एक महत्वपूर्ण पहलू है. भारत को इस मुद्दे पर बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. हमें तकनीकी स्तर और मैनुअल स्तर पर निरीक्षण के अलग अलग स्तर बनाने होंगे, ताकि हमारे यहां इस तरह की घटना न दोहराई जा सकें.'
भारत-चीन के बीच जारी है बातचीत
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) को लेकर गतिरोध बना हुआ है. दोनों देशों ने जुलाई और अगस्त में दो दौर की कूटनीतिक बात चित की है, जिनका उद्देश्य विवादित मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान निकालना है. हालांकि, जनरल द्विवेदी ने कहा कि जमीनी स्तर पर स्थितियों को संभालना और योजना को लागू करने की जिम्मेदारी वहां मौजूद सेना के अधिकारी की होती है.
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