तमिलनाडु के कृष्णागिरी में हाल ही में एक NCC कैंप के दौरान कुछ लड़कियों को डरावनी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा. यह कैंप असल में फर्जी था, जिसमें एक लड़की के साथ यौन उत्पीड़न और 13 अन्य लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आई. यह मामला कोलकाता के RG Kar Medical College और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के खिलाफ रेप और मर्डर की घटनाओं के विरोध के बीच चर्चा में आया है.
गिरफ्तारियां और जांच
पुलिस ने कैंप के आयोजक और स्कूल के प्रिंसिपल समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें दो टीचर और एक पत्रकार भी शामिल है. जांच के दौरान यह सामने आया कि प्राइवेट स्कूल के पास NCC की कोई मान्यता प्राप्त यूनिट नहीं थी. आयोजकों ने स्कूल को गलत जानकारी दी थी कि इस कैंप को हॉस्ट करने से उन्हें Qualification प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
यौन उत्पीड़न की घटनाएं
इस महीने की शुरुआत में आयोजित तीन दिवसीय शिविर में 41 छात्रों ने भाग लिया था, जिनमें 17 लड़कियां शामिल थीं. शिकायतों के अनुसार, लड़कियों को एक ऑडिटोरियम से बाहर ले जाकर यौन शोषण का शिकार बनाया गया. इस दौरान कैंप की निगरानी के लिए कोई शिक्षक मौजूद नहीं था.
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कार्रवाई और भविष्य की जांच
मेडिकल परीक्षण के बाद, जिला बाल कल्याण समिति ने इस मामले पर कार्रवाई शुरू कर दी है. District Superintendent of Police पी थंगादुरई ने बताया कि स्कूल अधिकारियों को यौन अपराधों के बारे में जानकारी थी, लेकिन उन्होंने मामले को दबाने का निर्णय लिया और पुलिस को सूचित नहीं किया.
संभावित रैकेट की जांच
पुलिस अब यह जांच रही है कि कहीं इसके पीछे कोई संगठित रैकेट तो नहीं है जो इस तरह के फर्जी कैंप चलाता है, और क्या अन्य स्कूलों में भी ऐसे कैंप आयोजित किए गए हैं. इस मामले में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.
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