डीएनए हिंदी: संसद का मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) लगातार हंगामे के भेंट चढ़ रहा है. मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) के मुद्दे पर विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी के बोलने की मांग कर रहा है. संसद में लगातर चल रहे गतिरोध को लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखा है. उन्होंने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि विपक्षी दलों को जनता से डरना चाहिए और मणिपुर जैसे संवेदनशील विषय पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाना चाहिए. शाह ने कहा कि सरकार को चर्चा से कोई डर नहीं है.
अमित शाह ने निचले सदन में बहु राज्य सहकारी समितियां संशोधन विधेयक 2022 पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर के विषय का उल्लेख किया और बताया कि उन्होंने इस संदर्भ में लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के दोनों नेताओं को पत्र लिखा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं तो अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल की हैसियत रखने वाली कांग्रेस के नेता हैं. शाह ने यह भी कि सरकार को मणिपुर पर चर्चा से कोई डर नहीं है और उसे कुछ छिपाना भी नहीं है. उन्होंने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच कहा, ‘मैंने आज दोनों सदन के विपक्ष के नेता को पत्र लिखा है कि कितनी भी लंबी चर्चा के लिए मैं तैयार हूं. सरकार को कोई डर नहीं है, जिसको चर्चा करनी है वो चर्चा करने आए. हमें कुछ छिपाना नहीं है.’
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गृह मंत्री ने विपक्षी सदस्यों के लिए कहा, ‘जनता आपको देख रही है, चुनाव में जाना है. जनता के खौफ को ध्यान में रखें. आपसे विनती है कि मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाइए.’ मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भी लोकसभा में कहा था कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई सामने आने दें. कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं.
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2 महिलाओं के न्यूज वीडियो से तनाव बढ़ा
इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले चार दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई. 19 जुलाई को मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो 4 मई का है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 3 मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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