केंद्र सरकार ने लोकसभा में वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 पेश कर दिया है. इसको लेकर जबरदस्त हंगामा देखने को मिल रहा है. बिल पर चर्चा के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है. जब लोकतांत्रित तरीके से पहले चुनने की प्रक्रिया है तो उसे नॉमिनेट क्यों किया जा रहा है. अखिलेश जब बिल के विरोध में बोल रहे तो बीच में अमित शाह टोकने के लिए खड़े हो गए. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस देखने को मिली.
अखिलेश यादव ने कहा, 'सच्चाई यह है कि बीजेपी अपनी हताश और निराश के कारण चंद कट्टर समर्थकों के तुष्टिकरण के लिए यह बिल लाने का काम कर रही है. अगर जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे तो इसका असर बुरा होगा. इसका उदाहण में हम पहले देख चुके हैं.'
अखिलेश यादव ने क्या की थी टिप्पणी
सपा नेता ने कहा, 'महोदय हमारे ही नहीं,मैंने सुना है कुछ आपके भी अधिकार छीने जा रहे हैं. याद कीजिए मैंने आपसे कहा था कि आप लोकतंत्र के न्यायाधीश हैं. अगर ऐसा है तो हमें आपके लिए भी लड़ना पड़ेगा.'
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अखिलेश यादव की यह टिप्पणी सुनते ही अमित शाह अपनी सीट पर खड़े हो गए. अखिलेश यादव को टोकते हुए उन्होंने कहा कि आप इस तरह की बात नहीं कर सकते. आप अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं. स्पीकर महोदय, ये (अखिलेश) आसन का अपमान कर रहे हैं.'
गृहमंत्री की आपत्ति के बाद स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप से वरिष्ठ हैं, आपसे अनुरोध करता हूं कि आसन पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.
क्या मंदिर में गैर हिंदू हो सकता है सदस्य?
वक्फ संशोधन बिल पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाया, 'क्या मंदिर में कोई गैर हिंदू सदस्य हो सकता है. अगर ऐसा नहीं हो सकता तो वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्य के शामिल करने की बात क्यों की जा रही है. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक केवल आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है. अभी आप मुसलमान पर हमला कर रहे हैं, फिर ईसाई और उसके बाद जैन धर्म पर हमला करेंगे.
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