'वो जमाने गए, अब सुई के बराबर कोई जमीन नहीं ले सकता', अरुणाचल में अमित शाह ने चीन को ललकारा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 10, 2023, 05:54 PM IST

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह. (फाइल फोटो-PTI)

Amit Shah Arunachal Pradesh Visit: अमित शाह ने बगैर नाम लिए चीन को ललकारते हुए कहा कि अब कोई भी भारत की सीमा पर आंख उठाकर नहीं देख सकता.

डीएनए हिंदी: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को भारत-चीन सीमा से लगे किबिथू (Kibithoo) गांव में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) की शुरुआत की. इससे सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी. इस परियोजना पर करीब 4800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. अमित शाह का यह दौरा काफी अहम माना जा रहै है, क्योंकि हाल ही में चीन ने अरुणाचल के 11 स्थानों के नाम बदल दिए थे. इस मौके पर अमित शाह ने बगैर नाम लिए चीन को ललकारते हुए कहा कि अब कोई भी सीमा पर आंख उठाकर नहीं देख सकता. सुई की नोक के बराबर कोई बॉर्डर के इस तरफ अतिक्रमण नहीं कर सकता. वो जमाने चले गए जब भारत की जमीन पर कोई अतिक्रमण कर सकता था.

अमित शाह ने कहा कि अरुणाचल निवासियों के जोश ने 1962 में चीन को कदम वापस खींचने के लिए विवश कर दिया. उन्होंने कहा कि पहले का समय विपरीत था. अब सीमावर्ती इलाकों के लोग कहते हैं कि वे भारत के आखिरी नहीं, पहले गांव के निवासी हैं. प्रधनमंत्री मोदी ने विमर्श बदल दिया है. मैं किबिथू के उन शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध में संसाधनों के अभाव में भी वीरता से लड़ाई लड़ी .

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'वृद्ध हो जाऊं तो आऊं अरुणाचल रहने'
उन्होंने कहा कि जब मैं आया तो सैंकड़ों झरनों को देखा. मैंने यहां उतरते ही पेमा खांडू से कहा कि एक घर ले लीजिए, जब मैं वृद्ध हो जाऊं तो यहां रहने आऊं. भगवान परशुराम ने अरुणाचल का नाम दिया था. देश का हर बच्चा अरुणाचल को सूर्यदेव की पहली किरण की धरती से जानता है.

बता दें कि अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर अरुणाचल गए हैं. गृह मंत्री बनने के बाद इस पूर्वोत्तर राज्य में उनका यह पहला दौरा है. किबिथू में नौ सूक्ष्म पनबिजली परियोजना शुरू हो रही है. ये बिजली परियोजनाएं सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाएंगी. पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए सड़क संपर्क के लिए विशेष रूप से 2500 करोड़ रुपये सहित 4800 करोड़ रुपये के केंद्रीय योगदान के साथ ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) को मंजूरी दी थी. यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसके तहत उत्तरी सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के 19 जिलों के 46 ब्लॉक में 2,967 गांव की व्यापक विकास के लिए पहचान की गई. पहले चरण के लिए आंध्र प्रदेश के 455 सहित 662 गांव की पहचान की गई.

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